Safalta Ki Kunji: सफलता की कुंजी कहती है कि जीवन की सफलता अच्छी आदतों में ही निहित है. इस बात को जितनी जल्दी हो, समझ जाना चाहिए क्योंकि समय निकल जाने के बाद, किया गया प्रयास व्यर्थ ही होता है. गीता उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को सदैव श्रेष्ठ गुण अपनाने चाहिए. श्रेष्ठ गुणों को अपनाने से ही जीवन की सार्थकता सिद्ध होती है.
श्रेष्ठ गुण व्यक्ति को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. विद्वान भी मानते हैं जीवन में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो गलत आदतों से दूरी बनाकर रखना चाहिए. गलत आदतों को अपनाकर कभी सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं. सफलता और लक्ष्यों को प्राप्त करना है तो इन दो आदतों को कभी नहीं अपनाना चाहिए, आइए जानते हैं इन आदतों के बारे में-
नशा- नशा करना बुरी आदत है. युवाओं को इस आदत से खास तौर से बचना चाहिए. किशोरावस्था और युवावस्था में बुरी आदतें अधिक प्रभावित करती है. इसलिए उम्र की इन अवस्थाओं में विशेष सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत है. नशा व्यक्ति की बुद्धि का नाश करता है. सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. व्यक्ति की कार्य क्षमता प्रभावित होती है. इसलिए इससे दूर रहें.
बुरी संगत- विद्वानों की मानें तो व्यक्ति कितना ही प्रतिभाशाली और ज्ञानी क्यों न हो, यदि उसकी संगत अच्छी नहीं है तो, प्रतिभा और ज्ञान का कोई महत्व नहीं है. संगत का व्यक्ति के जीवन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. बुरी संगत से नकारात्मकता आती है, जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए. नकारात्मक सोच और नकारात्मक ऊर्जा से कभी श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं. बुरी संगत से बुरे विचार आते हैं. विचारों से ही व्यक्ति अच्छा और बुरा बनता है. इसलिए बुरी संगत का त्याग करना चाहिए.
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