सर्बानंद सोनोवाल, सेल्वागणपति, मुरुगन राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, एल. मुरुगन और भारतीय जनता पार्टी के नेता एस. सेल्वागणपति सोमवार को राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। सर्बानंद सोनोवाल असम से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। असम से इस सीट के लिए सोनोवाल एकमात्र उम्मीदवार थे और नाम वापस लेने के आखिरी दिन निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें संसद के उच्च सदन के लिए निर्वाचित घोषित किया। इसके साथ, असम से राज्यसभा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सीटों की संख्या बढ़कर तीन हो गयी जबकि उसके सहयोगी असम गण परिषद के पास राज्यसभा की एक सीट है। असम में राज्यसभा की कुल सात सीटें हैं, जिनमें से दो सीटें कांग्रेस के पास हैं और एक सीट पर निर्दलीय सदस्य है।
सर्बानंद सोनोवाल ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भबेश कालिता के साथ दोपहर में राज्य विधानसभा परिसर से निर्वाचन अधिकारी से चुनाव प्रमाण पत्र लिया। इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि वह राज्य और लोगों की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सहित बीजेपी नेतृत्व को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
वहीं, मध्य प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार नहीं उतारे जाने पर नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता एल. मुरुगन को संसद की ऊपरी सदन के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। राज्यसभा में मुरुगन के निर्वाचन के साथ ही मध्य प्रदेश से ऊपरी सदन में बीजेपी सदस्यों की संख्या आठ हो गई है। इस साल जुलाई में कर्नाटक का राज्यपाल बनने के बाद तत्कालीन केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, इसी कारण उपचुनाव कराना पड़ा। मुरुगन को जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल में केंद्रीय सूचना और प्रसारण, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री बताया गया।
बीजेपी उम्मीदवार एस. सेल्वागणपति पुडुचेरी से राज्यसभा की एकमात्र सीट पर निर्विरोध निर्वाचित हुए। पुडुचेरी से बीजेपी का पहली बार ऊपरी सदन में प्रतिनिधित्व हो रहा है। नामांकन वापस लेने की आज अंतिम तिथि थी। नामांकन पत्रों की जांच में केवल सेल्वागणपति का नामांकन वैध पाया गया, जबकि पांच अन्य उम्मीदवारों (निर्दलीय) का नामांकन खारिज कर दिया गया क्योंकि उनके पास प्रस्तावकों की आवश्यक संख्या नहीं थी। सेल्वागणपति 1962 के बाद पुडुचेरी से राज्यसभा के लिए दसवें सदस्य हैं।
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