गरीबों का खाद्य सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार राशन की सुविधा मुहिया कराती है। सरकार राशन कार्डधारकों को प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने पांच किलो गेहूं और चावल दो से तीन रुपये में उपलब्ध कराती है। बता दें कि भारत में आम तौर पर तीन प्रकार से राशन कार्ड बनते हैं। गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को एपीएल कार्ड (APL) मिलता है। वहीं गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल (BPL) कार्ड है। इसके साथ ही सबसे गरीब परिवारों के लिए अन्त्योदय (Antyodaya) राशन कार्ड बनता है। ऐसे अगर आप भी राशन कार्ड बनवाना चाहते हैं या परिवार के किसी सदस्य का नाम जोड़ना चाहते हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें।।
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अगर की ये गलती तो फंस सकते है मुश्किल में
दरअसल बीपीएल कार्ड और अत्योंदय कार्ड धारकों को सरकार की तरफ से ज्यादा राशन मिलता है। ऐसे में लोग राशन कार्ड बनवाने या किसी का नाम जुड़वाने के लिए फर्जी कागजात लगा देते हैं या राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति की मौत के बाद भी उसके कोटे का राशन ले रहे होते हैं, बता दें कि इअसा करना आप पर भारी पड़ सकता है। इस गलती के सरकार आपको जेल या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित कर सकती है।
फर्जी राशन कार्ड बनवाने वालों पर पांच साल की सजा और जुर्माना
भारत के फूड सिक्योरिरटी एक्ट के तहत अगर आप फर्जी राशन कार्ड बनाते हैं तो आपको पांच साल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। इसलिए अगर आप राशन कार्ड बनाते हैं तो सही जानकारी ही खाद्य विभाग को दें। अगर सही जानकारी आप नहीं देते हैं तो आपको पछताना भी पड़ सकता है।
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इस मामले मामले पर भी सजा का प्रावधान
इसके साथ ही अगर कार्ड बनवाने के लिए आपने फूड विभाग के अधिकारी को रिश्वत देते हैं या खाद्य विभाग के अधिकारी रिश्वत लेकर राशन कार्ड बनाते हैं तो इस मामले में भी सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
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