सिद्धू पर शिकंजा : विजिलेंस ब्यूरो ने खोली फाइल, सियासी हलकों में जवाबी हमले की चर्चा

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लगातार हमलावर हुए विधायक नवजोत सिंह सिद्दू और उनके करीबियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के उन मामलों की फाइल खोल ली है, जो कथित तौर पर नवजोत सिद्धू के स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री पद पर रहने के दौरान हुए थे। हालांकि सियासी हलकों में इस घटनाक्रम को कैप्टन का सिद्धू पर जवाबी हमला भी माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने सिद्धू के खिलाफ जांच शुरु करवा दी है और यह ऐसे मामले हैं, जिनमें न केवल नवजोत सिंह सिद्धू बल्कि उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के भी फंसने के आसार हैं। नवजोत सिद्धू पर स्थानीय निकाय मंत्री रहते हुए कई बड़े बिल्डरों को नियमों के खिलाफ लाभ पहुंचाने, टेक्स चोरी के जरिए नगर पालिका को चूना लगाने, बड़े प्रोजैक्टों को नियम विरुद्ध क्लीयरिंग देने और जमीन की सीएलयू के मामलों में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरु की है।

पता चला है कि विजिलेंस ने नवजोत सिद्धू के कार्यकाल के दौरान बड़े बिल्डरों को दी गई क्लीयरिंग संबंधी फाइलें अपने कब्जे में ले ली है। इस मामले में नवजोत सिद्धू के अलावा उनकी पत्नी, ओएसडी और पीए भी विजिलेंस के रेडार पर हैं।

यह है मामला
विजिलेंस ब्यूरो ने जिन आरोपों के आधार पर नवजोत सिद्धू के खिलाफ जांच शुरु की है, वह मामला मोहाली जिले के जीरकपुर से संबंधित है। जीरकपुर के एक बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी करके सीएलयू कराए जाने का मामला 2017 में हुआ था।आरोप है कि सीएलयू के एवज में जो करोड़ों रुपये की फीस जीरकपुर नगरपरिषद को मिलनी थी, उसके लिए 50-50 लाख रुपये के दो चैक नवजोत कौर सिद्धू द्वारा अपने नाम पर काटकर जमा कराए गए थे। लेकिन यह दोनों चैक जीरकपुर नगर परिषद ने बैंक से कैश नहीं कराए, जिससे सीधे तौर पर बिल्डर का पैसा बच गया। 

लेकिन जब विजिलेंस ने उक्त बिल्डर पर शिकंजा कसा तो बिल्डर ने धारा 164 के तहत विजिलेंस के समक्ष बयान दर्ज कराए कि नवजोत सिंह सिद्धू और नवजोत कौर सिद्धू उसके मार्फत प्रापर्टी में पैसा लगाते हैं। इसके बाद पेंच वहां फंस गया जब जमीन के बड़े टुकड़े के लिए सीएलयू नियमों के खिलाफ और बिना कोई फीस जमा कराए ही कर दिया गया।

सीएलयू के ढेरों मामलों को साइड करते हुए एक मामलों को इतनी तेजी के क्लीयर करना चर्चा का विषय बन गया और आरोप लगा कि संबंधित बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया। इसके बाद जब नवजोत सिद्धू स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री पद से हटाए गए, तब से ही इस मामले की जांच विजिलेंस के पास लंबित थी। 

सिद्धू ने दिया जवाब
अपने खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो की कार्यवाही शुरू होने की खबरों के तुरंत बाद नवजोत सिद्धू ने ट्वीट कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को फिर से चुनौती दे डाली। सिद्धू ने लिखा- आपका स्वागत है, प्लीज डू यूअर बेस्ट…

विस्तार

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लगातार हमलावर हुए विधायक नवजोत सिंह सिद्दू और उनके करीबियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली गई है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के उन मामलों की फाइल खोल ली है, जो कथित तौर पर नवजोत सिद्धू के स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री पद पर रहने के दौरान हुए थे। हालांकि सियासी हलकों में इस घटनाक्रम को कैप्टन का सिद्धू पर जवाबी हमला भी माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने सिद्धू के खिलाफ जांच शुरु करवा दी है और यह ऐसे मामले हैं, जिनमें न केवल नवजोत सिंह सिद्धू बल्कि उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के भी फंसने के आसार हैं। नवजोत सिद्धू पर स्थानीय निकाय मंत्री रहते हुए कई बड़े बिल्डरों को नियमों के खिलाफ लाभ पहुंचाने, टेक्स चोरी के जरिए नगर पालिका को चूना लगाने, बड़े प्रोजैक्टों को नियम विरुद्ध क्लीयरिंग देने और जमीन की सीएलयू के मामलों में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरु की है।

पता चला है कि विजिलेंस ने नवजोत सिद्धू के कार्यकाल के दौरान बड़े बिल्डरों को दी गई क्लीयरिंग संबंधी फाइलें अपने कब्जे में ले ली है। इस मामले में नवजोत सिद्धू के अलावा उनकी पत्नी, ओएसडी और पीए भी विजिलेंस के रेडार पर हैं।

यह है मामला

विजिलेंस ब्यूरो ने जिन आरोपों के आधार पर नवजोत सिद्धू के खिलाफ जांच शुरु की है, वह मामला मोहाली जिले के जीरकपुर से संबंधित है। जीरकपुर के एक बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी करके सीएलयू कराए जाने का मामला 2017 में हुआ था।आरोप है कि सीएलयू के एवज में जो करोड़ों रुपये की फीस जीरकपुर नगरपरिषद को मिलनी थी, उसके लिए 50-50 लाख रुपये के दो चैक नवजोत कौर सिद्धू द्वारा अपने नाम पर काटकर जमा कराए गए थे। लेकिन यह दोनों चैक जीरकपुर नगर परिषद ने बैंक से कैश नहीं कराए, जिससे सीधे तौर पर बिल्डर का पैसा बच गया। 

लेकिन जब विजिलेंस ने उक्त बिल्डर पर शिकंजा कसा तो बिल्डर ने धारा 164 के तहत विजिलेंस के समक्ष बयान दर्ज कराए कि नवजोत सिंह सिद्धू और नवजोत कौर सिद्धू उसके मार्फत प्रापर्टी में पैसा लगाते हैं। इसके बाद पेंच वहां फंस गया जब जमीन के बड़े टुकड़े के लिए सीएलयू नियमों के खिलाफ और बिना कोई फीस जमा कराए ही कर दिया गया।

सीएलयू के ढेरों मामलों को साइड करते हुए एक मामलों को इतनी तेजी के क्लीयर करना चर्चा का विषय बन गया और आरोप लगा कि संबंधित बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया। इसके बाद जब नवजोत सिद्धू स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री पद से हटाए गए, तब से ही इस मामले की जांच विजिलेंस के पास लंबित थी। 

सिद्धू ने दिया जवाब

अपने खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो की कार्यवाही शुरू होने की खबरों के तुरंत बाद नवजोत सिद्धू ने ट्वीट कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को फिर से चुनौती दे डाली। सिद्धू ने लिखा- आपका स्वागत है, प्लीज डू यूअर बेस्ट…

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