अष्टमी का दिन मां दुर्गा को समर्पित है। हर भक्त चाहता है कि मां की कृपा उस पर बनी रहे और जीवन से दुख संकट दूर हों। सच्चे मन से स्मरण करने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं। मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वास्तु में बताए गए कुछ आसान से उपाय कर हम मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
मां दुर्गा की पूजा विशेष फलदायी है। मां को तुलसी दल और दूर्वा चढ़ाना निषिद्ध है। अपने घर के पूजा स्थान में मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती के चित्रों की स्थापना कर उनका फूलों से शृंगार कर पूजन करें। मां की कृपा से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। मां को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत शुभ होता है। इस पाठ को नियमानुसार करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं। देवी मां को लाल रंग प्रिय है। इसलिए मां की पूजा के समय लाल रंग के वस्त्र पहनें और माता रानी को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें। घर की स्त्रियों और कन्याओं को मान-सम्मान देने से मां दुर्गा उस घर पर सुख समृद्धि बनाए रखती हैं। जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्रों का दान करने से भी देवी मां प्रसन्न होती हैं। भूखे-प्यासे जानवरों की मदद करने से भी मां प्रसन्न होती हैं। अष्टमी का उपवास करने से मां दुर्गा कृपा बरसाती हैं। देवा मां की पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद के रूप में गाय के दूध और शहद से बनी चीजों का भोग लगाएं। घर में धूप-दीप दिखाएं। अष्टमी को माता का व्रत कर रात्रि जागरण करें।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।
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