12 अप्रैल 2021, दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस साल 12 अप्रैल को पड़ने वाली अमावस्या साल की पहली और अंतिम सोमवती अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण करते हैं। कहा जाता है कि इस दान का फल दोगुना मिलता है।
सोमवती अमावस्या 2021 कब से कब तक है?
इस साल सोमवती अमावस्या 11 अप्रैल 2021 को सुबह 06 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी और 12 अप्रैल की सुबह 08 बजे तक रहेगी।
सोमवती अमावस्या पूजन सामग्री-
पुष्प, माला, अक्षत, चंदन, कलश, दीपक, घी, धूप, रोली, भोग के लिए मिठाई, धागा, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, सुपारी, पान के पत्ते, मूंगफली 108 की संख्या में (जिससे परिक्रमा आसानी से पूरी हो जाए)।
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सोमवती अमावस्या पूजा- विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। संभव हो तो इस दिन पवित्र नदियों में स्ना करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत करें। सोमवती अमावस्या के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है।
भगवान शिव की अराधना कर उन्हें भोग लगाएं।
भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की आरती करें।
इस दिन आप दिनभर ऊॅं नम: शिवाय का जप भी कर सकते हैं।
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सोमवती अमावस्या के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
अमावस्या तिथि पर पितरों का श्राद्ध वाले व्यक्ति को तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करने से परहेज करना चाहिए।
अमावस्या के दिन क्या दान करना चाहिए-
शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के दिन किसी जरुरतमंद को अनाज, खाने की चीजें या फिर वस्त्र दान करने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पुण्य मिलता है।
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