डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में वायरस के नए वैरिएंट्स चिंता का विषय बने हुए हैं। इस बीच कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी ने दावा किया की ये वैक्सीन कोरोना के सभी नए वारिएंट्स पर असरदार है। भारत बायोटेक की सह-संस्थापक सुचित्रा इला ने मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध का हवाला देते हुए ये दावा किया है।
भारत बायोटेक की तरफ से कहा गया है कि कोवैक्सिन के इस्तेमाल पर B.1.1.7 (यूके) और वैक्सीन स्ट्रेन यानी D614G के न्यूट्रिलाइजेशन में कोई बदलाव नहीं देखा गया। इस स्टडी को भारत के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने किया है। अमेरिका की पीयर-रिव्यू जर्नल, क्लिनिकल इंफेक्शियस डिजीज में ये प्रकाशित हुआ है।
Covaxin gets international recognition yet again, by scientific research data published demonstrating protection against the new variants.Yet another feather in its cap@PMOIndia@nsitharaman@drharshvardhan@MoHFW_INDIA@ICMRDELHI@DBTIndia@[email protected]/AUhphvvivz
— suchitra ella (@SuchitraElla) May 15, 2021
इससे पहले 20 अप्रैल को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा था कि कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के खिलाफ भी प्रोटेक्शन देती है। अपनी स्टडी के आधार पर ICMR ने कहा कि ब्राजील वैरिएंट, UK वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर भी ये वैक्सीन असरदार है और उनके खिलाफ भी यह प्रोटेक्शन देती है। वहीं अमेरिका के चीफ मेडिकल एडवाइजर और महामारी के टॉप एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फौसी ने कोवैक्सिन को कोरोना के नए वैरिएंट 617 को बेअसर करने में भी कारगर बताया था।
बता दें कि भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर यह वैक्सीन डेवलप की है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की। कोवैक्सिन दो खुराकों वाली वैक्सीन है, यानि ये दोनों खुराकों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करती है।
बीते दिनों भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को 2 से 18 साल के बच्चों के ऊपर ट्रायल करने की भी मंजूरी दी गई है। कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने इस ट्रायल की सिफारिश की थी। ये क्लीनिकल ट्रायल 525 लोगों पर दिल्ली एम्स, पटना एम्स, नागपुर के MIMS अस्पतालों में होगा। भारत बायोटेक को फेज़ 3 का ट्रायल शुरू करने से पहले फेज़ 2 का पूरा डाटा उपलब्ध कराना होगा।
Source link