डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक बार फिर कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लोग तीसरी लहर की चेतावनी को मौसम के अपडेट की तरह मान रहे हैं। नीती आयोग के मेंबर डॉ. वीके पॉल ने कहता, दुनिया कोविड-19 की तीसरी लहर देख रही है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए हाथ मिलाना होगा कि तीसरी लहर भारत से न टकराए।
सरकार ने कहा कि भारत में आईसीयू बेड, बाल चिकित्सा इकाइयों का निर्माण, अस्पतालों के बेड जोड़ने, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक स्थापित करने और अतिरिक्त एम्बुलेंस जोड़ने के लिए कोविड आपातकालीन पैकेज के रूप में 23,123 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है। वहीं सरकार ने ये भी कहा कि कोरोना के मामलों में वृद्धि विश्व स्तर पर नोट की गई है।
इससे पहले सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश भर में मास गैदरिंग पर चिंता व्यक्त की थी। आईएमए ने केंद्र और राज्य सरकारों से कम से कम तीन महीने के लिए कोविड गाइडलाइन्स को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया था। आईएमए ने कहा था, तीर्थ यात्रा और पर्यटन सभी की जरूरत है, लेकिन कुछ और महीनों तक इंतजार किया जा सकता है।
आईएमए के एक पत्र में कहा गया है, देश कोविड महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से बाहर निकल रहा है। लेकिन जिस तरह का महामारी का इतिहास रहा है उससे ये साफ है कि तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता है। ये बेहद करीब है। ये देखकर बहुत दुख हो रहा है कि देश के कई हिस्सों में जनता और सरकार, दोनों ही लापरवाह हैं। सभी बिना कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए भीड़ इकट्ठा करने में जुटे हैं।
आईएमए ने कहा, भारत वैक्सीनेशन और कोविड गाइडलाइन्स का पालन करके तीसरी लहर के प्रभाव को कम कर सकता है। IMA के प्रेसिडेंट डॉ. जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल ने कहा कि इस नाजुक मुकाम पर हमें अगले दो-तीन महीने तक कोई खतरा नहीं उठाना चाहिए। सभी राज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जमीन पर उतारें और कोरोना के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ें।
Source link