डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को ट्विटर को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति को लेकर जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया। केंद्र सरकार के आईटी के नए कानूनों के पालन नहीं करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्टे ने ये नोटिस जारी किया है। जस्टिस रेखा पल्ली की सिंगल जज बेंच ने कहा कि आईटी नियम 2021 के तहत, ट्विटर एक ‘सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरी’ है और इसलिए आदेश में सभी जरूरी प्रावधानों का भी पालन करना होगा।
एडवोकेट अमित आचार्य ने याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि ट्विटर इंडिया और ट्विटर नए कानून के नियम 4 (C) का पालन करने में विफल रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक SSMI को ‘शिकायत अधिकारी’ की नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी। याचिका में आचार्य ने कहा कि नए आईटी नियम 25 फरवरी से लागू हुए थे, और केंद्र ने इनका पालन करने के लिए सभी सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महीने का समय दिया था, जो 25 मई को खत्म हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद ट्विटर ने अभी तक कोई शिकायत अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है।
ट्विटर की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट साजन पूवय्या ने कोर्ट को बताया कि कंपनी 28 मई को ही शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर चुकी है। वहीं ट्विटर के इस जवाब पर केंद्र कहा कि नहीं ऐसा नहीं है। ट्विटर ने नए नियम लागू नहीं किए हैं। इसके बाद, कोर्ट ने ट्विटर को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तारीख सुनिश्चित की है।
बता दें कि सोशल मीडिया कंपनियों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए सरकार फरवरी में नए नियम लेकर आई थी। सभी को नियमों का पालन करने के लिए 25 मई तक का समय दिया गया था। इन नियमों के तहत, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स को भारत में रेसिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर, चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर और नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन नियुक्त करना था।
नए नियमों में ओटीटी और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी पूरी जानकारी सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है। नए नियमों में कंपनियों से कहा गया है कि उनका शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के अंदर शिकायत को सुनना होगा और 14 दिन के अंदर उसका समाधान करना होगा।
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