हैप्पीनेस एक्सप्रेस | क्या आप भी गलत आंकते हैं अपनी ख़ुशी और ग़म को?

आज दिलीप सूर्य दोबारा वापस आ गए हैं डॉ. आशीष अम्बास्ता के साथ workplace happiness के बारे में बात करने। आज का ख़ास टॉपिक है। आज जानेंगे कि कैसे लोग असल में आंकते हैं अपने दुःख और ख़ुशी। कभी नौकरी मिलने पर लोग ज़्यादा ख़ुशी एक्सपेक्ट कर लेते हैं तो कभी किसी ग़म को ज़्यादा आंक लेते हैं। जानें ऐसा क्यों होता है



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