नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के मुताबिक वित्त वर्ष खत्म होने के कारण 1 अप्रैल को कुछ बैंकों में यूपीआई और आईएमपीएस ट्रांजैक्शन फेल हो गए। कई बैंक ग्राहकों का कहना है कि दो दिन के बाद भी पैसा वापस नहीं आया है। अगर आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं] जिनका पैसा यूपीआई-आईएमपीएस के जरिये ट्रांसफर फेल हो जाने के बाद बैंक खाते में नहीं लौटा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको उन तरीकों को बता रहे हैं जिसका इस्तेमाल कर आप आसानी से अपनी रकम को वापस पा सकते हैं।
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क्या आप जानते हैं कि एनईएफटी, आरटीजीएस औैर यूपीआई के जरिये ट्रांजैक्शन के फेल होने पर कितने दिन में पैसा आपके खाता में वापस आ जाएगा। रिजर्व बैंक ने इस मामले में 19 सितंबर 2019 को एक सर्कुलर जारी किया था। इसके मुताबिक अगर किसी ग्राहक के खाते में निर्धारित समय तक पैसा वापस नहीं आता है तो बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब के ग्राहक को पेनल्टी देनी होगी।
क्या कहता है आरबीआई का नियम
आरबीआई के मुताबिक आईएमपीएस ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में टी+1 दिन में ग्राहक के खाते में राशि खुद ब खुद वापस की जानी चाहिए। यहां टी का मतलब ट्रांजैक्शन डेट से है। इसका मतलब है कि अगर आज कोई ट्रांजैक्शन फेल होता है तो अगले कार्यदिवस पर यह राशि खाते में वापस जानी चाहिए। अगर बैंक ऐसा नहीं करता है तो उसे कस्टमर को रोजाना 100 रुपये पेनल्टी के हिसाब से भुगतान करना होगा। यूपीआई के मामले में टी+1 दिन में कस्टमर के खाते में ऑटो रिवर्सल होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक को टी+1 दिन के बाद रोजाना 100 रुपये पेनल्टी का भुगतान करना होगा।
नियामक से कर सकते हैं शिकायत
अगर आपका ट्रांजैक्शन फेल हो जात है तो आपको अपने सर्विस प्रोवाइडर द्वारा मामले को सेटल करने के लिए तय दी गई समयसीमा तक इंतजार करनी चाहिए। अगर बैंक निर्धारित समयसीमा के भीतर ऐसा नहीं करता है तो आपको सिस्टम प्रोवाइडर या सिस्टम पार्टिसिपेंट के पास शिकायत दर्ज करनी होगी। अगर वह एक महीने के भीतर मामले का समाधान करने में नाकाम रहते हैं तो आप आरबीआई के ऑम्बुसड्मैन के पास जा सकते हैं। आप https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Content/PDFs/AAOOSDT31012019.pdf के जरिए अपने इलाके के ऑम्बुसड्मैन से संपर्क साध कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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