रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि 18 अप्रैल को रियल टाइम ग्राॅस सेटेलमेंट (RTGS) की सुविधा 14 घंटे के लिए बाधित रहेगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा, ‘तकनीक सुधार के लिए ऐसा किया जा रहा है जिससे आरजीएस की सुविधा और बेहतर हो।’
आरबीआई ने कहा, ‘मेंमबर बैंक अपने कस्टर को इसकी जानकारी दे दें।’ उन्होंने कहा, ‘RTGS मेंमबर्स सिस्टम ब्राॅडकास्ट के माध्यम से ईवेंट अपडेट प्राप्त करते रहेंगे।’ हालांकि इस दौरान नेशनल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर (NEFT) की सुविधा जारी रहेगी।
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पिछले सप्ताह ही RTGS और NEFT का दायरा बढ़ाने का हुआ था ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर (NEFT) और रियल टाइम ग्राॅस सेटेलमेंट (RTGS) सुविधा को नाॅन बैंक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटरों के लिए बढ़ा दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले सप्ताह इसकी जानकारी दी थी। अभी तक केवल बैंकों को ही यह सुविधा थी। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने डिजिटल पेमेंट की लिमिट को भी एक लाख से बढ़ाकर दो लाख कर दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नई एनाउंसमेंट के अनुसार अब प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जारीकर्ता, कार्ड नेटवर्क, ह्वाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर और ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंट सिस्टम प्लेटफार्म भी अब आरटीजीएस और एनईएफटी का उपयोग कर सकेंगे। इससे सबसे ज्यादा फायदा पेटीएम, फोन पे, गूगल पेमेंट जैसे ऑनलाइन यूजर्स को होगा।
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RTGS क्या है ?
आरटीजीएस फंड ट्रांसफर करने की एक तेज प्रक्रिया है। इस सिस्टम के जरिए आप एक बैंक अकाउंट से दूसरे में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। आरटीजीएस का फुल फार्म Real Time Gross Settlement है। आरटीजीएस और NEFT में अगर अंतर देखा जाए तो दोनों का काम बैंक अकाउंट में इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर है। एनईएफटी में जहां पैसे ट्रांसफर करने की कोई लिमिट नहीं है तो वहीं आरटीजीएस में आपको कम से कम दो लाख रुपये का ट्रांसफर करना होगा। एनईएफटी में फंड दूसरे खाते में पहुंचने में थोड़ा समय लगता है पर RTGS में यह तुरंत पहुंच जाता है। आईएमपीएस में तुरंत दूसरे के खाते में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। ये सर्विस सातों दिन 24 घंटे काम करती है।
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