वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर को सफलतापूर्वक संभालने के बाद भारत अब इसकी दूसरी लहर का मुकाबला करने के लिये बेहतर ढंग से तैयार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंकड़े इस बात की ओर संकेत करते हैं कि भारत बेहतर और मजबूत बनने की राह पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ”वित्त वर्ष 2020-21 में ऐतिहासिक महामारी से जूझने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था एक बार फिर बेहतर और मजबूत बनाने की ओर अग्रसर है। यह बात कई उच्च- आवृत्ति वाले संकेतकों के रुझान को देखते हुए परिलक्षित होती है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस शानदार वापसी का मार्ग प्रशस्त करने में आत्मनिर्भर भारत मिशन द्वारा समर्थित निवेश वृद्धि और आम बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे तथा पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी से मजबूती मिली है। रिपोर्ट में कहा गया कि फरवरी के मध्य से दैनिक नए मामलों में बढ़ोतरी भारत में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत हुई, हालांकि पहली लहर और दूसरी लहर के बीच 151 दिनों का अंतर रहा, जबकि दूसरे देशों में यह अंतर काफी कम था। वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2020-21 की चुनौतियां खत्म होने के साथ ही 2021-22 में एक तेजतर्रार और आत्मनिर्भर भारत देखने को मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में सुधार के कारण केंद्र की राजकोषीय स्थिति में हाल के महीनों में सुधार हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के दौरान केंद्र का राजकोषीय घाटा 14.05 लाख करोड़ रुपये था, जो संशोधित अनुमान 2020-21 का 76 प्रतिशत है। चौथी तिमाही में अर्थव्यवसथा में राजस्व प्राप्ति में तेजी देखी गई, वित्तीय संघवाद की भावना को साझा करते हुए इस दौरान राज्यों को 2020- 21 के लिये 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि वितरित की गई। यह संशोधित अनुमान के भी ऊपर 8.2 प्रतिशत की वृद्धि रही। केन्द्र सरकार ने 2020- 21 के दौरान कुल मिलाकर 13.7 लाख करोड़ रुपये बाजार से उधार लिया जो कि उसे औसतन 5.79 प्रतिशत की दर पर प्राप्त हुआ। यह दर पिछले 17 सालों में सबसे कम रही।
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