प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने के बाद नेपाल की राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने नई सरकार बनाने की खातिर बहुमत साबित करने के लिए विभिन्न दलों को बृहस्पतिवार तक का वक्त दिया है. राष्ट्रपति ऑफिस की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया कि नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत राष्ट्रपति ने बहुमत की सरकार का गठन करने के लिए विभिन्न दलों को आमंत्रित करने का फैसला लिया है.
हिमालयन टाइम्स की खबर के मुताबिक, भंडारी ने सियासी दलों को तीन दिन का वक्त दिया है और कहा है कि वे बृहस्पतिवार की रात नौ बजे तक अपना दावा पेश करें. गौरतलब है कि राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के निर्देश पर संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के आहूत विशेष सत्र में प्रधानमंत्री ओली की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 93 मत मिले थे जबकि 124 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया. विश्वास प्रस्ताव के दौरान कुल 232 सदस्यों ने मतदान किया जिनमें से 15 सदस्य तटस्थ रहे.
राष्ट्रपति ने दिए थे फिर से चुनाव कराने के निर्देश
ओली को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी क्योंकि चार सदस्य इस समय निलंबित हैं. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के पुष्पकमल दहल की अगुवाई वाले गुट ने 69 वर्षीय ओली के नेतृत्व वाली सरकार से कुछ ही दिन पहले समर्थन वापस लिया था. नेपाल में राजनीति संकट पिछले साल 20 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर संसद को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया. ओली ने यह अनुशंसा सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में सत्ता को लेकर चल रही खींचतान के बीच की थी.
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