भारत के साथ शांति वार्ता को लेकर पाकिस्तान के आर्मी चीफ जरनल कमर जावेद बाजवा काफी बेचैन हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की शुरुआत उन्हीं की वजह से हो रही है. जनरल बाजवा के प्रयासों की वजह से दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की अगले 12 महीने के भीतर मुलाकात हो सकती है. ऐसा दावा ब्रिटेश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अपने तीन उन सूत्रों के हवाले से किया है जो इस बारे में भलीभांति से वाकिफ हैं.
अखबार ने रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान आर्मी चीफ के अनुरोध पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) इसके पीछे काम कर रहा है. उसने ऐसा डिजाइन तैयार किया है ताकि दुनिया के सबसे खतरनाक संघर्षों में से एक दोनों मुल्कों के बीच तनाव कम किया जा सके. यह कदम भारत में हुए आतंकी हमले के करीब दो साल बाद उठाए जा रहे हैं जब दक्षिण एशिया के दो देश भारत-पाकिस्तान लड़ाई के मुहाने पर आ गए थे. अखबार ने कहा कि जनरल कमर जावेद बावजा ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल से कहा कि वे कश्मीर में लड़ाई रोकने का ऐलान करे.
दो परमाणु संपन्न देशों के बीच लंबे समय तक शांतिपूर्ण बातचीत एशिया के सामरिक भविष्य को तय करेगा. अखबार ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच यह पहल ऐसे वक्त पर की जा रही है जब भारत और पाकिस्तान कोरोना महामारी से अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने में लगे हैं जबकि भारत-चीन सीमा पर तनाव है. अखबार ने आगे कहा कि ताजा पहल पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की तरफ से जनवरी में की गई, जिसका समर्थन यूएई के शासक मोहम्मद बिन जायद-अलय नायन और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर शेख तहनून बिन जायल अल-नायन ने किया. उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच शुरुआत 25 फरवरी को युद्धविराम से हुआ है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच अगला कदम सीमा व्यापार शुरू करने, कोरोना को लेकर सहयोग पर होगा. अगर यह सफल रहता है तो अगले 12 महीने में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के बीच मुलाकात हो सकती है. पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने बताया कि पीछे के चैनल से बातचीत चल रही हैं. उन्होंने कहा- सीनियर स्तर पर वार्ता हो रही है ताकि संभावित पीएम मोदी और इमरान खान की बैठक को लेकर संभावित तैयारियां की जाए.
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