साइरस मिस्त्री के शापूरजी पलोनजी समूह ने सुप्रीम कोर्ट से अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है, जिसमें अदालत ने उन्हें चेयरमैन पद से हटाये जाने का समर्थन किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री को चेयरमैन बनाये जाने को लेकर की थी तल्ख टिप्पणी
करीब एक माह पूर्व देश के सबसे बड़े और हाई प्रोफाइल बोर्ड रूम विवाद की कानूनी लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने टाटा समूह के उस फैसले को सही ठहराया था, जिसमें साइरस मिस्त्री को टाटा संस के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए ये भी कहा था कि साइरस मिस्त्री को चेयरमैन बनाना रतन टाटा की सबसे बड़ी गलती थी. अब साइरस मिस्त्री ने इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है.
क्या है साइरस मिस्त्री-टाटा समूह का ये पूरा विवाद
अक्टूबर 2016 में टाटा संस के रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया. इस फैसले के खिलाफ साइरस मिस्त्री ने कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर दी. ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री की याचिका खारिज कर दिया और कहा कि टाटा संस को यह अधिकार है कि वह चेयरमैन को किसी भी वक्त हटा सके. इस फैसले के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में चुनौती दी गई. एनसीएलएटी ने दिसंबर 2019 में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने को अवैध करार दिया. इसके अलावा टाटा संस में कई तरह की अनियमितता होने की भी बात कही. इस फैसले के खिलाफ टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि साइरस मिस्त्री ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टरर्स में सभी सदस्यों का विश्वास खो दिया, इसलिए कंपनी के हित में साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया.
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