हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर पुण्य प्रदान करता है यह पावन व्रत 

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चैत्र शुक्ल पक्ष में आने वाली कामदा एकादशी भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना के लिए बेहद महत्वपूर्ण उपवास है। इस एकादशी व्रत को बहुत फलदायी माना जाता है। इस व्रत के प्रभाव से हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर पुण्य मिलता है। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के समस्त पाप दूर हो जाते हैं। 

सुहागन स्त्रियों को कामदा एकादशी व्रत अवश्य रखना चाहिए। इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-शांति का वास होता है। एकादशी पर पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। एकादशी पर सुबह जल्दी उठें, स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान श्री हरि विष्णु की विधिपूर्वक उपासना करें। द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। दान पुण्य अवश्य करें। इस व्रत में अपने मन को संयमित रखकर उपासना करें। भगवान श्री हरि विष्णु को फल, फूल, दूध, तिल, पंचामृत अर्पित करें। एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए। रात में श्री हरि भगवान विष्णु की आराधना करें और द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इस व्रत में विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। चावल और अन्य अनाज का उपयोग न करें।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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