होम लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं, इन टिप्स पर गौर कर लीजिये

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बैंकों के लिए होम लोन सबसे फायदेमंद कारोबार होता है. इसमें बैंक को लंबे समय तक ब्याज मिलता है. इसलिए वे इसकी आक्रामक मार्केटिंग करते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है आपको लोन आसानी से मिल जाएगा. इसके लिए बैंकों की प्रोससिंग कड़ी होती है और काफी छानबीन के बाद ही लोन अप्रूव किया जा सकता है . ऐसे में जब भी होम लोन के  लिए अप्लाई करें. कुछ बातों का ध्यान रखें. 


डाउनपेमेंट ज्यादा करें


 होम लोन आवेदकों को प्रॉपर्टी वैल्यू का कम से कम 10-25 फीसदी डाउन पेमेंट करना चाहिए. डाउन पेमेंट जितना ज्यादा होगा कर्ज देने वाले बैंक का रिस्क उतना ही कम होगा और आपका लोन जल्दी मंजूर होगा. हालांकि डाउनपेमेंट राशि बढ़ाने के लिए इमरजेंसी फंड या अपने वित्तीय लक्ष्यों से समझौता नहीं करना चाहिए


क्रेडिट स्कोर 


अगर आपका क्रेडिट स्कोर और हिस्ट्री अच्छा है तो लोन मिलने में देरी नहीं होती. इसलिए होम लोने के लिए आवेदन करते समय इस पर जरूर ध्यान दें. अच्छा क्रेडिट स्कोर से सस्ता होम लोन मिल सकता है. साथ ही कुछ छूट भी मिल सकती है. लिहाजा लोन के लिए अप्लाई करते समय क्रेडिट स्कोर पर पता कर करें. अगर पहले से क्रेडिट स्कोर चेक कर लेते हैं और यह खराब मिलता है तो इसमें सुधार करने का मौका मिल जाता है. 


ब्याज दरों की तुलना करें


होम लोन से पहले थोड़ी रिसर्च जरूर करनी चाहिए. आपको अलग-अलग ब्याज के बैंकों के बारे में पता करना चाहिए. हालांकि बहुत अधिक बैंकों में आवेदन नहीं करना चाहिए. होम लोन आवेदकों को पहले उस बैंक में आवेदन करना चाहिए जहां के वे ग्राहक हैं. वहां उन्हे कुछ अतिरिक्त सुविधा मिल सकती है. वैसे आवेदन करने से  पहले अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों, ऑफर्स और छूट और शर्तों का आकलन कर लेना चाहिए. आप ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर ब्याज दरों और दूसरी जानकारियां ले सकते हैं. 


ईएमआई की अफोर्डेबिलिटी जरूर देखें 


होम लोन आवेदक को यह देखना होगा वह अपनी आय से ईएमआई देने में कितना सहज है. बैंक भी इसका ध्यान  रखते हैं कि आवेदक का ईएमआई उसकी आय के 50 फीसदी से ज्यादा न हो लेकिन आवेदक पर कोई कर्ज है तो होम लोन से इसे चुकाने की कोशिश करनी चाहिए. इससे  बैंक भी आसानी से उसे होम लोन दे सकेंगे. 


इमरजेंसी फंड में ईएमआई को भी शामिल करें


 नौकरी चले जाने, बीमारी, विकलांगता जैसी कई वजह है जब किसी की होम लोन ईएमआई चुकाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. ऐसे में छह महीने का इमरजेंसी फंड बनाते वक्त इसमें होम लोन के ईएमआई का इंतजाम कर लेना चाहिए. इससे आप पर रोजगार न रहने पर होम लोन का बोझ नहीं रहेगा. 


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