आयकर विभाग एक जुलाई से दो नई धाराएं लागू करने जा रहा है। एक धारा की वजह से 50 लाख से ऊपर की एक कारोबारी से खरीद पर 0.10 फीसदी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) का प्रावधान करना होगा। वहीं दूसरी धारा की वजह से अगर दो वर्ष आयकर रिटर्न विक्रेता ने फाइल नहीं किया तो यह टीडीएस पांच फीसदी हो जाएगा। एक तरह से यह पहले वाली स्थिति का 50 गुना हो जायेगा।
बजट 2021 से आयकर अधिनियम में जोड़ी गई धारा 194 क्यू और 206 एबी एक जुलाई से लागू हो रही है। टैक्स सीएचआर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व टैक्सेशन सहित विभिन्न कानूनी विषयों पर 44 पुस्तकों के लेखक नदीम उद्दीन ने बताया है कि धारा 194 क्यू में किसी कारोबारी का पिछले वर्ष का टर्नओवर 10 करोड़ या इससे ऊपर है तो वह इस वित्तीय वर्ष में किसी कारोबारी से 50 लाख रुपये से ऊपर का माल खरीदेगा। 50 लाख रुपये से ऊपर की जितनी बिक्री होगी उस पर 0.10 फीसदी टीडीएस भुगतान करते समय काटा जाएगा। हालांकि यह टैक्स की दर धारा 206 एबी लागू होते ही 50 गुना हो जाएगी।
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नदीम उद्दीन के मुताबिक, अगर किसी विक्रेता ने पिछले दो वर्ष के आयकर रिटर्न फाइल नहीं किए हैं या पिछले वित्तीय वर्ष में उसका टीडीएस का टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) 50 हजार रुपये से ज्यादा है तो टीडीएस की कटौती पांच फीसदी की दर से की जाएगी।
टर्नओवर और रिटर्न दोनों का ध्यान रखना होगा
टैक्स सीएचआर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नदीम उद्दीन ने कहा है कि जिन कारोबारियों का पिछले वर्ष का टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से ऊपर रहा है उनके लिए थोड़ी परेशानी हो सकती है। दरअसल, एक तो उन्हें यह याद रखना होगा कि किसी व्यापारी से खरीद 50 लाख रुपये से ऊपर हो रही है। दूसरा यह भी याद रखना होगा कि उसने पिछले दो वर्ष रिटर्न फाइल किया था या नहीं? क्योंकि उन्हें उसके मुताबिक ही टीडीएस काटना है।
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