AK-47 जैसा जश्न मनाकर फरहान ने भारत-पाकिस्तान मैच में जगाया विवाद, बीसीसीआई ने ICC को किया शिकायत

AK-47 जैसा जश्न मनाकर फरहान ने भारत-पाकिस्तान मैच में जगाया विवाद, बीसीसीआई ने ICC को किया शिकायत

दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में 21 सितंबर, 2025 को खेले गए एशिया कप 2025 सुपर फोर मैच में, पाकिस्तान के ओपनर साहिबजादा फरहान अहमद ने 58 रन बनाने के बाद अपनी बैट को AK-47 राइफल की तरह उठाकर जश्न मनाया — एक ऐसा जश्न जिसने भारत के लाखों लोगों को गुस्सा दिलाया, राजनीति को गहराई से छू लिया, और क्रिकेट के खेल के ऊपर एक अज्ञात छाया डाल दी। यह जश्न सिर्फ एक बैट की चाल नहीं था। यह एक ऐसा संकेत था, जिसे भारतीय दर्शकों ने 2016 के पहलगाम आतंकी हमले से जोड़ दिया, जहां आतंकवादियों ने AK-47 से पुलिस स्टेशन पर हमला किया था और सात पुलिसकर्मी मारे गए थे।

"कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती" — नकवी का गुस्सा

अगले दिन, 22 सितंबर को नई दिल्ली में मुख्तार अब्बास नकवी, जो 2016 से 2021 तक भारत सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रहे, ने इस जश्न की आलोचना करते हुए कहा — "कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती"। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान "आतंकवाद की फैक्ट्री" है। ये शब्द सिर्फ एक टिप्पणी नहीं थे। ये एक राजनीतिक संदेश थे — जो क्रिकेट के मैदान से बाहर निकलकर राष्ट्रीय भावनाओं के गहरे घावों को फाड़ रहे थे।

नकवी के बयान के तुरंत बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बात का जिक्र भी मीडिया में हुआ कि वे भी इस जश्न को पाकिस्तान के "असली रंग" का प्रतीक मानते हैं। हालांकि, सिंह का यह बयान आधिकारिक रूप से प्रमाणित नहीं हुआ, लेकिन इसका असर तुरंत दिखा — सोशल मीडिया पर #FarhanAK47Celebration ट्रेंड करने लगा और 48 घंटे तक भारत के ट्विटर पर नंबर वन रहा।

फरहान का जवाब: "मुझे परवाह नहीं"

उसी दिन, दुबई में पाकिस्तान के अगले मैच से पहले, फरहान अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। अंग्रेजी में बोलते हुए उन्होंने कहा, "मैंने बस एक पल के लिए ऐसा किया। मैं अक्सर 50 रन बनाने पर जश्न नहीं मनाता।" फिर उन्होंने हिंदी में एक शब्द फेंका — "mujhe parwah nahi"। यह तीन शब्द भारतीय मीडिया के लिए एक बम बन गए।

फरहान ने अपने जश्न को "एग्रेसिव क्रिकेट" का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, "हर टीम के खिलाफ एग्रेसिव खेलना जरूरी है। यह सिर्फ भारत के खिलाफ नहीं।" लेकिन यहां बात एग्रेसिविटी की नहीं थी। बात थी एक अस्त्र के प्रतीक की — जो भारत के लिए एक आतंक का याद दिलाता है।

बीसीसीआई ने ICC को की शिकायत, विवाद बढ़ा

भारतीय क्रिकेट नियामक निकाय बीसीसीआई ने तुरंत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। ICC ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को एक आधिकारिक चेतावनी जारी की। लेकिन फरहान ने इसे नजरअंदाज कर दिया। 23 सितंबर को, उन्होंने अपने बैट पर एक नया स्टिकर लगा दिया — 'Gunmode'। यह न सिर्फ एक ब्रांडिंग था, बल्कि एक चुनौती थी।

फाइनल में भी फरहान, लेकिन पाकिस्तान हारा

24 सितंबर को एशिया कप के फाइनल में, फरहान ने 34 गेंदों में 57 रन बनाए। फक्कर जमान के साथ उन्होंने 84 रन की साझेदारी की। लेकिन पाकिस्तान की बैटिंग अचानक रुक गई — केवल 146 रन बन पाए। भारत ने 7 गेंद बचाकर लक्ष्य पूरा किया। तिलक वर्मा ने मैच जीतने के लिए अहम शतक बनाया।

फरहान के लिए यह मैच एक व्यक्तिगत सफलता थी। पाकिस्तान में उन्हें विशाल तारीफ मिली। वसीम अक्रम और वकार यूनिस जैसे क्रिकेट दिग्गजों ने उनकी "एग्रेसिव बैटिंग" की प्रशंसा की। लेकिन भारत के लिए यह मैच एक राष्ट्रीय विजय थी — दूसरी बार जब उन्होंने पाकिस्तान को हराया।

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सुपर फोर स्टेज में भारत ने +0.689 की नेट रन रेट से शीर्ष स्थान प्राप्त किया। पाकिस्तान आखिरी स्थान पर रहा। बांग्लादेश दूसरे नंबर पर रहा, जबकि श्रीलंका तीसरे। यह टूर्नामेंट, जिसका आयोजन एशियन क्रिकेट काउंसिल ने श्रीलंका के कोलंबो से किया, 15 से 28 सितंबर तक दुबई में चला।

फरहान का जश्न एक खेल के बाहर एक बड़ा विवाद बन गया। भारत में इसे आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष का हिस्सा माना जा रहा है। पाकिस्तान में इसे "अपने अधिकारों" का प्रतीक बताया जा रहा है। लेकिन क्रिकेट क्या ऐसे राष्ट्रीय घावों को छूने के लिए बना है?

क्या आगे कुछ होगा?

अब यह सवाल उठ रहा है — क्या ICC अब ऐसे जश्नों के लिए स्पष्ट नियम बनाएगा? क्या बैट को राइफल की तरह उठाना खेल के नियमों का उल्लंघन है? या यह सिर्फ एक राजनीतिक व्याख्या है? फरहान ने अपने आप को "क्रिकेटर" बताया, लेकिन दुनिया उसे एक राजनीतिक चिह्न बना चुकी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

फरहान के AK-47 जश्न का भारत में क्या प्रतिक्रिया थी?

भारत में इस जश्न को व्यापक रूप से नकारात्मक देखा गया, क्योंकि इसे 2016 के पहलगाम हमले से जोड़ा गया, जहां AK-47 से सात पुलिसकर्मी मारे गए थे। सोशल मीडिया पर #FarhanAK47Celebration 48 घंटे तक ट्रेंड किया। बीसीसीआई ने ICC को शिकायत दर्ज कराई, और BJP के नेताओं ने इसे पाकिस्तान के "आतंकवादी चेहरे" का प्रतीक बताया।

फरहान ने अपने जश्न के बारे में क्या कहा?

फरहान ने दुबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह सिर्फ एक पल का जश्न था और उन्हें इसकी प्रतिक्रिया की परवाह नहीं है। उन्होंने हिंदी में "मुझे परवाह नहीं" कहा और इसे "एग्रेसिव क्रिकेट" का हिस्सा बताया। उन्होंने बाद में अपने बैट पर 'Gunmode' स्टिकर लगाकर इस जश्न को अगले मैचों में जारी रखने का इशारा किया।

ICC ने इस मामले में क्या कदम उठाए?

ICC ने बीसीसीआई की शिकायत के आधार पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को आधिकारिक चेतावनी जारी की। हालांकि, कोई जुर्माना या अस्थायी प्रतिबंध नहीं लगाया गया। ICC के नियमों में अभी तक कोई स्पष्ट धारा नहीं है जो राजनीतिक या आतंकवादी संदर्भ वाले जश्नों को प्रतिबंधित करे — इसलिए यह मामला नियमों की खाली जगह को उजागर करता है।

इस घटना ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों को कैसे प्रभावित किया?

यह घटना क्रिकेट के खेल को एक राजनीतिक विवाद में बदल दिया। भारतीय फैंस ने इसे पाकिस्तान के "आतंकवादी मनोभाव" का प्रतीक माना, जबकि पाकिस्तानी फैंस ने इसे "खेल की स्वतंत्रता" का नाम दिया। यह विवाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट के भावनात्मक तनाव को और गहरा कर दिया, जो पहले से ही अत्यधिक तीव्र है।

क्या फरहान के इस जश्न के लिए भारत में कोई आंदोलन हुआ?

भारत में आंदोलन नहीं हुआ, लेकिन सोशल मीडिया पर भारी विरोध देखा गया। कई यूट्यूबर्स ने वीडियो बनाए, जिनमें फरहान के जश्न को दुरुपयोग के रूप में दिखाया गया। कुछ स्कूलों और क्रिकेट क्लब्स ने अपने बच्चों को इस जश्न को नकल न करने की सलाह दी। यह एक व्यापक जागरूकता अभियान बन गया — लेकिन राजनीतिक स्तर पर नहीं।

अगले मैच में क्या अपेक्षा है?

अगले मैच में फरहान ने अपना 'Gunmode' स्टिकर लगाया हुआ है, जिसका मतलब है कि वह इस जश्न को दोहराने की योजना बना रहे हैं। यह भारतीय फैंस और अधिकारियों के लिए एक चुनौती बन सकता है। ICC को अब यह फैसला करना होगा कि क्या खेल के मैदान पर ऐसे राजनीतिक संकेतों को रोकने के लिए नए नियम बनाने की आवश्यकता है।

लेखक
महेंद्र प्रताप सिंहवर्मा

मैं महेंद्र प्रताप सिंहवर्मा हूं, और मेरी विशेषज्ञता सरकारी, कानूनी, सैन्य और समाचार क्षेत्र में है। मैं भारतीय समाचार और भारतीय जीवन के बारे में लिखना पसंद करता हूं। मेरा उद्देश्य जनता को सही सूचना प्रदान करना और उन्हें सचेत करना है। मैं विभिन्न समाचार पत्रों और सामाजिक मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करता हूं। समाज में हो रहे परिवर्तनों और नई सरकारी नीतियों का समर्थन करता हूं।