Bank Privatisation: केंद्र सरकार जल्द कर सकती है इन 3 बैंकों का निजीकरण, जानिए कौनसे बैंक हैं शामिल

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नरेंद्र मोदी सरकार ने फरवरी में अनाउंस किए केंद्रीय बजट में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था। इसके तहत अब सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) और इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) में अपनी हिस्सेदारी बेचने का प्लान कर रही है। कुछ दिन पहले ही सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग (Niti Aayog) ने उन सरकारी बैंकों के नामों की फाइनल लिस्ट विनिवेश संबंधी सचिवों की कोर समिति (Core Group of Secretaries on Disinvestment) को सौंपी थी। हालांकि, अब टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों से खबर ये भी आ रही है कि बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) भी इस बिक्री में संभावित उम्मीदवार हो सकता है। यानी प्राइवेटाइजेशन की लिस्ट में बैंक ऑफ इंडिया का नाम भी सामने आ रहा है।

 

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मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वित्तीय सेवा विभाग वर्तमान में नीति आयोग के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं। यह कवायद निजीकरण के लिए शुरू की जाने वाली संस्थाओं को अंतिम रूप देने की एक प्रक्रिया का हिस्सा है। प्राइवेटाइजेशन के बाद इन बैंकों का नाम क्या रखा जाएगा इसकी जिम्मेदारी NITI Aayog को दी गई है। 

 

ये लोग कर रहे हैं अभी निजीकरण के फैसले पर विचार 
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक नीति आयोग के प्रस्ताव पर अभी विनिवेश (DIPAM) और फाइनेंशियल सर्विसेज विभागों में विचार किया जा रहा है। लेकिन जल्द ही इसको लेकर फैसला लिया जाएगा। नीति आयोग की सिफारिश के बाद मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता वाला गठित सचिवों का मुख्य समूह इस पर विचार करेगा। इस समिति के सदस्यों में कैबिनेट सचिव के अलावा आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, व्यय सचिव, कॉरपोरेट मामलों के सचिव, कानूनी मामलों के सचिव, सार्वजनिक उपक्रम सचिव, निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव और प्रशासनिक विभाग के सचिव शामिल हैं। बता दें कि नीति आयोग को निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक बीमा कंपनी का नाम चुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

 

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निजीकरण के लिए नीति आयोग इन नामों पर कर रही है विचार 

इस योजना को अंतिम रूप देने से पहले, सरकार आरबीआई से भी परामर्श करेगी क्योंकि कानून और विनियम कई क्षेत्रों में राज्य द्वारा संचालित संस्थाओं के लिए एक विशेष व्यवस्था प्रदान करते हैं। बता दें कि मोदी सरकार ने हाल में आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सरकार को इस वित्त वर्ष में इस काम के पूरा होने की उम्मीद है। निजीकरण के लिए नीति आयोग की नजर उन 6 बैंकों पर है जो मर्जर में शामिल नहीं थे। इसमें बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक के अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब एंड सिंध बैंक और यूको बैंक शामिल हैं।

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