PUBG का इंडियन वर्जन Battlegrounds Mobile India लॉन्च होने से पहले ही विवादों में घिरता नजर आ रहा है. जहां एक तरफ इसे बार-बार बैन करने की मांग उठ रही है वहीं दूसरी तरफ गेम को लेकर नई जानकारी सामने आई है. दरअसल गेम बनाने वाली कंपनी क्राफ्टन पर आरोप है कि कंपनी गेम का डेटा चीन, हांगकांग, अमेरिका और मॉस्को के सर्वर को भेज रही है. हालांकि क्राफ्टन ने चीन के साथ अपने रिश्तों को खत्म करते हुए इसे ठीक करने की बात कही है लेकिन अब सरकार इसकी जांच कर सकती है.
इन सर्वर में डेटा भेजने का आरोप
IGN इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया APK द्वारा डेटा चीन समेत कई देश के सर्वर को सेंड और रिसीव किया गया था. कथित तौर पर डेटा को बीजिंग में चाइना मोबाइल कम्युनिकेशंस सर्वर, हांगकांग में प्रोक्सिमा बीटा और अमेरिका स्थित Microsoft Azure सर्वर को भेजा गया था. बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया कथित तौर पर अपने गेम को बूट करते वक्त बीजिंग में स्थित एक टेनसेंट सर्वर को भी पिंग करता है.
उठी बैन करने करने की मांग
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्रीय आईटी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिखकर इस गेम को बैन करने की मांग की है. उनका मानना है कि यह गेम भारत की राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है. साथ ही युवाओं के लिए भी ये नुकसानदायक है. CAIT ने बैन करने की मांग के साथ ही गूगल से Battlegrounds Mobile India डेवलपर कंपनी क्राफ्टन को गेम के लिए गूगल प्ले स्टोर प्लेटफॉर्म यूज न करने की परमिशन नहीं देने के लिए भी कहा है. CAIT के मुताबिक बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया में पबजी जैसे फीचर्स हैं और इससे भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
50 लाख के पार हुआ डाउनलोड
बता दें कि Battlegrounds Mobile India का अर्ली एक्सेस हाल ही में एंड्रॉयड यूजर्स के लिए अवेलेबल करवाया गया था. गेम बनाने वाली कंपनी क्राफ्टन की मानें तो इसके अर्ली एक्सेस में 50 लाख डाउनलोड से ज्यादा हो गए हैं.
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