Black Fungus: कोरोना महामारी के बीच अब ब्लैक फंगस के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स की भी मुश्किलें बढ़ रही हैं. ऐसे में ये पता लगाना काफी मुश्किल हो रहा है कि आखिर ब्लैक फंगस के मामले इतनी रफ्तार से कैसे बढ़ रहे हैं. अब एक्सपार्ट्स ने जिंक और एंटीबायोटिक की ओवरडोज और ज्यादा स्टीम से भी ब्लैक फंगस बढ़ने की बात कही है. बता दें प्रतिरोधक क्षमता ( Immunity) बढ़ाने के लिए कोरोना के मरीजों को जिंक और मल्टी विटामिन दिए जा रहे हैं. कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह के भी जिंक की दवाओं का लगातार सेवन कर रहे हैं. वहीं डॉक्टर्स स्टेरॉयड दवा के ज्यादा इस्तेमाल और हाई ब्लड शुगर को भी ब्लैक फंगस की वजह मान रहे हैं. अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि शरीर में जिंक, आयरन और दूसरे मेटल ज्यादा होने से ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं.
ज्यादा जिंक से बढ़ रहा है ब्लैक फंगस
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजीव जयदेवन ने अपने ट्विटर हैंडल पर जिंक सप्लीमेंट ज्यादा लेने से ब्लैक फंगस बढ़ने की बात कही है. महात्मा गांधी मेमोरियल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, इंदौर ने 4 हॉस्पिटल में 210 कोविड के मरीजों पर एक अध्ययन किया जिसमें ब्लैक फंगस की ये तीनों वजह बताई गई हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने जिक्र किया है कि एंटीबायोटिक दवाओं, एज़िथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन और कार्बापेनम के कॉकटेल से भी से फंगस संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. उन्होंने कहा है कि फंगस के खतरे को रोकने के लिए शरीर से जिंक की मात्रा को कम करना जरूरी है.
डॉ जयदेवन का कहा है कि ज्यादा भाप लेने से हमारी नाजुक म्यूकस लेयर को भी नुकसान पहुंच सकता है. जिससे फंगस का खतरा बढ़ जाता है. इस सर्वे में 21 परसेंट ऐसे लोग हैं जिन्हें डायबिटीज नहीं है लेकिन ब्लैक फंगस के शिकार हुए हैं. वहीं 52 लोग ऐसे हैं जो ऑक्सीजन पर रहे हैं.
फंगस हटाने के लिए शरीर से जिंक कम करना होगा
मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जन डा. संजय शर्मा का कहना है कि म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर जो रिसर्च हुए हैं उनमें जिंक की भूमिका सामने आई है. ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एंफोटेरेसिन-बी और पोसाकोनोजोल नामक दवा दी जाती है. ब्लैक फंगस के मामले में शरीर से जिंक कम करने वाली दवा देने से बेहतर फायदा हुआ.
ब्लैक फंगस की मुख्य वजह
लंबे समय तक स्टेरॉयड का सेवन, ब्लड-शुगर बढ़ने, लंबे समय तक आइसीयू में रहने, इंडस्टियल आक्सीजन और पाइप लाइन में गंदगी, मिट्टी के सपंर्क में आने से.
पहले भी रिसर्च में सामने आ चुकी है ये बात
साल 2013 में एक रिसर्च सामने आया था जिसमें कहा गया था कि जिंक समेत कई दूसरे मेटल की वजह से फंगस की ताकत बढ़ती है. फंगस की दवा पोसाकोनोजोल के साथ शरीर से जिंक निकालने वाली दवा देने पर लोगों को बड़ा फायदा हुआ था. बड़ी संख्या में ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं जिन्हें न तो आक्सीजन दी गई और न ही स्टेरायड दिया गया है. लेकिन वो लोग ब्लैक फंगस के शिकार हुए हैं.
आपको बता दें फिलहाल कोरोना की कोई दवा नहीं है ऐसे में डॉक्टर्स बुखार को नियंत्रित करने के लिए पैरासिटामोल का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं साथ मरीजों को एंटीबायोटिक और दिन में 2 से` 3 बार भाप लेने की सलाह दी जा रही है.
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