गुलाम नबी आजाद के विदाई समारोह पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति ग़ुलाम नबी जी (विपक्ष के नेता के रूप में) का स्थान लेगा, उसे अपना काम करने में कठिनाई होगी क्योंकि वह न केवल अपनी पार्टी के बारे में बल्कि देश और सदन के बारे में चिंतित थे।
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