नौ ग्रहों में बुध ग्रह का विशेष महत्व है। बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है। बुध ज्येष्ठ मास के अष्टमी तिथि को 02 जून 2021, दिन बुधवार को वृषभ राशि में रात 2 बजकर 12 मिनट से वक्री हो जाएंगे। इसके बाद बुध 04 जून को पश्चिम में अस्त होंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, बुधदेव वक्री और अस्त की अवस्था में कम प्रभावशाली होंगे। बुध की वक्री अवस्था का सभी 12 राशियों पर कोई न कोई असर पड़ेगा।
बुध कब होंगे मार्गी?
बुध 11 जून को रात 03 बजकर 30 मिनट पर मार्गी होंगे। इसके बाद 20 जून को बुध उदय होंगे। बुध दौरान अपनी नीच राशि मीन में वक्री होंगे। मान्यता है कि हरी चीजों के दान और इस्तेमाल करने से बुधदेव का शुभ प्रभाव पड़ता है।
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बुध वक्री का प्रभाव-
नीच राशि में बुध ग्रह के उल्टी चाल से वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मकर राशि पर प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान मेष, सिंह, धनु, तुला और मीन राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है। बुध के शुभ प्रभाव के लिए ओम् ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप करना चाहिए।
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