डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार को सीबीआई निदेशक पद के लिए बैठक हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने तीन नामों को लेकर चर्चा हुई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने 6 महीने वाला नियम याद दिलाया। जिसके बाद किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन पाई। बता दें, कि सीबीआई निदेशक पद फरवरी से खाली है। उनके बाद प्रवीण कुमार ने निदेशक पद का कार्यभार संभाला।
सोमवार को हुई बैठक में पीएम मोदी लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना मौजूद थे। इस बीच जस्टिस एनवी रमन्ना ने एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को पुलिस चीफ के पद पर नहीं बैठना चाहिए, जिनका कार्यकाल 6 महीने से कम है। इस मीटिंग में तीन नामों को लेकर चर्चा थी। इनमें महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल के डीजी कुमार राजेश चंद्रा स्पेशल सेक्रेटरी वीएस के कौमुदी के नामों पर चर्चा हुई लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई।
6 महीने से कम कार्यकाल वालों को नहीं मिलेगा पद
मीडिया रिपोर्टस की माने तो जस्टिस एनवी रमन्ना ने एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि जिनका कार्यकाल 6 महीने से कम है उन्हें यह पुलिस चीफ का पद नहीं देना चाहिए । इस मीटिंग में यूपी के डीजीपी हितेश सी अवस्थी के नाम पर भी जिक्र हुआ था। जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा था कि बैठक में सर्वसहमित से ही नाम तय किया जाएगा। इस फैसले का समर्थन अधीर रंजन चौधरी ने किया। इस बैठक में बीएसएफ के चीफ राकेश अस्थाना का नाम भी था। लेकिन वह इसलिए हटा दिया था क्योंकि वह 31 अगस्त को रिटायर होने वाले है।
ऐसे चुने जाते है सीबीआई निदेशक
नियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक को भ्रष्टाचार के मामलों में निपटाने का अनुभव हो, वह सीनियरिटी ऑर्डर के मुताबिक भी सीनियर हो। बता दें कि फरवरी को आर के शुक्ला सीबीआई निदेशक पद से रिटायर हुए थे। तब एडिशनल डायरेक्टर प्रवीण कुमार ने कार्यभार संभाल था।
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