डिजिटल डेस्क, दिल्ली। कोरोना काल में बिना परीक्षा लिए बारहवीं बोर्ड का रिजल्ट जारी करना केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल यानि कि CBSE के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। फिलहाल किसी ठोस फॉर्मूले पर पहुंचने के लिए मंथन जारी है। अब बोर्ड ने एक नया फॉर्मूला तैयार किया है। जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जा चुकी है।
नए फॉर्मूले में क्या है खास?
बारहवीं के परीक्षा परिणाम तय करने के लिए बोर्ड ने एक कमेटी बनाई है। जो अलग अलग फॉर्मूलों पर काम कर रही है। नए फॉर्मूलों के तहत सीबीएसई 30-30-40 के मूल्यांकन पर विचार कर रहा है।
जिसमें 10वीं कक्षा के तीन मुख्य विषयों के आधार पर तीस अंक, 11वीं के तीस और 12 वीं के 40 परसेंट मार्क्स को शामिल किया गया है। 11 वीं के कम अंक जोड़ने के पीछे तर्क ये है कि नए सब्जेक्ट लेने की वजह से विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए 11 वीं के अंकों का प्रतिशत कम ही रखा गया है।
नया फॉर्मूला
10वीं के तीन मुख्य विषयों के आधार पर 30 फीसदी अंक
11वीं के 30 फीसदी अंक
12वीं के 40 फीसदी अंक (यूनिट टेस्ट के अंक)
12 वीं का प्रतिशत ज्यादा क्यों?
कमेटी का मानना है कि बारहवीं कक्षा में बोर्ड देने के लिए छात्र पूरे साल ही तैयारी करते हैं। ऐसे में इसी साल के अंकों पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए। इस साल के मार्क्स को महत्वपूर्ण मानते हुए चालीस परसेंट मार्क्स यूनिट टेस्ट के आधार पर दिए जाएंगे।
सीबीएसई की कोशिश है कि ऐसा फॉर्मूला तैयार हो जिससे छात्र भी ज्यादा से ज्यादा संतुष्ट हो सकें। हालांकि परिणाम जारी करने से पहले और भी बहुत सी बातों पर ध्यान दिया जाएगा। जो विद्यार्थी इस फॉर्मूले से संतुष्ट नहीं होंगे वो अपील कर सकते हैं।
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