चैत्र माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 11 अप्रैल से हो जाएगी। अमावस्या तिथि 12 अप्रैल तक रहेगी। इस बार पड़ने वाली अमावस्या बेहद ही खास है। यह अमावस्या दर्श अमावस्या है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार दर्श अमावस्या पर चांद पूरी रात गायब रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दर्श अमावस्या परिवार के लिए बेहद ही शुभ होती है। इस दिन पितरों की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है।
तीन तरह की अमावस्या होती हैं
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार तीन तरह की अमावस्या होती हैं।
- सिनीवाली अमवस्या- सूर्योदय से शुरू होकर पूरी रात अमावस्या तिथि हो तो उसे “सिनीवाली अमवस्या” कहा जाता है।
- दर्श अमावस्या- जिस दिन चतुर्दशी तिथि के साथ अमावस्या तिथि हो तो उसे “दर्श अमावस्या” कहा जाता है।
- कुहू अमावस्या- जब अमवस्या के साथ प्रतिपदा तिथि भी हो तो उसे “कुहू अमावस्या” कहा जाता है।
इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है
- दर्श अमावस्या के पावन दिन चंद्र देव की पूजा- अर्चना करने से अच्छे भाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान चंद्र देव की पूजा करने से मन को शीतलता और शांति का अहसास भी होता है।
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