चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2021) 13 अप्रैल (मंगलवार) से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि प्रतिपदा के दिन मां दुर्गा की उपासना के लिए घटस्थापना की जाती है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा विधान है। नवरात्रि के पहले मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नवरात्रि पूजा में अलग-अलग तरह की पूजा सामग्री का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि नवरात्रि पूजा में सामग्री पूरी न हो तो व्रत और पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में नवरात्रि शुरू होने से पहले आप लिस्ट देखकर घर ले आइए माता रानी की पूजा में लगने वाली पूजन सामग्री-
मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, पानी वाला जटायुक्त नारियल, दुर्गासप्तशती किताब, बंदनवार आम के पत्तों का, पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, पांच मेवा, घी, लोबान,गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा,सुपारी, कपूर. और हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियां, सिंदूर, आम के पत्ते, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, कलश, साफ चावल, कुमकुम,मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल ,फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, असली कपूर, उपले, फल व मिठाई, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब,कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ आदि।
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घटस्थापना का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि-
दिन- मंगलवार
तिथि- 13 अप्रैल 2021
शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक।
अवधि- 04 घंटे 15 मिनट
घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।
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नवरात्रि घटस्थापना पूजा विधि-
-सबसे मिट्टी को चौड़े मुंह वाले बर्तन में रखें और उसमें सप्तधान्य बोएं।
-अब उसके ऊपर कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बांधें।
-आम या अशोक के पत्तों को कलश के ऊपर रखें।
-नारियल में कलावा लपेटे।
-उसके बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पत्तों के मध्य रखें।
-घटस्थापना पूरी होने के पश्चात् मां दुर्गा का आह्वान करते हैं।
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