नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन के कई पहलुओं का वर्णन किया है। धन, तरक्की, बिजनेस, वैवाहिक जीवन, शिक्षा, दोस्ती और दुश्मनी आदि से जुड़े कठिन सवालों का जवाब नीति शास्त्र में सरलता से आचार्य चाणक्य ने बताया है। आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य एक श्लोक में कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा सावधान रहना चाहिए और संसाधनों का बेहद सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। चाणक्य का मानना है कि जिन लोगों को भविष्य की चिंता नहीं रहती है, उन्हें बुरा समय आने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जबकि जो लोग भविष्य को लेकर सर्तक व सावधान रहते हैं, वह मुश्किल समय में ज्यादा परेशानी नहीं उठाते हैं।
चाणक्य ने जीवन में धन की उपयोगिता क्या है, इसे नीति शास्त्र में बेहद आसानी से समझाया है। चाणक्य के अनुसार, धन एक साधन है, जिसकी मदद से जीवन को आसान बनाया जा सकता है। भौतिक जीवन में धन का विशेष महत्व होता है। धन की मदद से ही भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करते हैं। इसलिए धन को हमेशा सोच-समझकर खर्च करना चाहिए।
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जो लोग धन का ठीक से इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्हें जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। चाणक्य ने धन संचय पर बल दिया है। चाणक्य कहते हैं कि जो लोग धन की बचत करते हैं, उनका जीवन आसानी से गुजर जाता है। जबकि धन को बेवजह खर्च करने वाले परेशान रहते हैं।
मुश्किल समय का सच्चा साथी है धन-
चाणक्य के अनुसार, सुख के समय में सावधानी बरतने से मुश्किल समय को पार करने में आसानी होती है। बुरा समय जब आता है तो सगे संबंधी भी साथ छोड़ जाते हैं। चाणक्य कहते हैं कि बुरे वक्त में सच्चे व अच्छे मित्र की पहचान होती है। नीति शास्त्र के अनुसार, बुरे वक्त में धन व्यक्ति का सच्चा मित्र होता है। इसलिए जो व्यक्ति धन का संचय करते हैं, उन्हें कठिन समय में कम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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