Chandra Grahan 2021: पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि 25 मई 2021, दिन मंगलवार की रात 08 बजकर 30 मिनट से शुरू हो गई है और यह वैशाख पूर्णिमा आज 26 मई 2021 दिन बुधवार की शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. इसके साथ ही 26 मई को ही बुद्ध पूर्णिमा भी है. इसके अलावा आज यानी 26 मई को ही दोपहर बाद 2.17 बजे से चंद्रग्रहण भी लग रहा है. यह चंद्रग्रहण शाम 7.19 बजे तक रहेगा. हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक मान्य नहीं होगा.
यह चंद्रग्रहण अपने अंतिम चरण अर्थात समाप्ति के समय आंशिक रूप से भारत के कुछ हिस्सों – उत्तरपूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप के कुछ तटीय भागों से दिखाई देगा. वैसे तो यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण है लेकिन भारत में यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण के रूप में दिखाई देगा.
पूर्णिमा के दिन स्नान–दान पर चंद्रग्रहण का असर
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, उपच्छाया चंद्रग्रहण का कोई सूतक काल मान्य नहीं होता है. चंद्रग्रहण के दौरान भारत में सभी मंदिरों के कपाट खुले रहेंगें. लोग प्रतिदिन की भांति मंदिरों में भगवान के दर्शन –पूजन कर सकेंगें. भक्तों के द्वारा आज के दिन किये गए स्नान- दान, पूर्णिमा की कथा, या अन्य धार्मिक कार्य पर इस चंद्रग्रहण का कोई असर नहीं पडेगा.
महत्व: हिंदू धर्म में वैशाखी पूर्णिमा {वैशाख पूर्णिमा} के दिन शक्कर और तिल के दान का बहुत ही महत्त्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शक्कर और तिल का दान करने से अनजान में हुए पापों का भी क्षय हो जाता है. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी से भरा हुआ पात्र, तिल और शक्कर स्थापित कर पूजन करना चाहिए और तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए.
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