chandra grahan 2021: अंतरिक्ष में बुधवार को अद्भुत घटना होने वाली है। पूर्णिमा का चांद सामान्य दिनों की तुलना में लगभग 7 प्रतिशत बड़ा और 16 प्रतिशत अधिक चमकदार नजर आएगा क्योंकि यह पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। खगोलीय भाषा में इसे सुपर मून या सुपर फ्लावर मून कहते हैं। इसे रात भर देखा जा सकेगा। इसी के साथ उपछायी चन्द्र ग्रहण भी होगा हालांकि इसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकेगा। यह घटना महज 25 मिनट की होगी।
बुधवार को सुपर मून की स्थिति दोपहर 1.53 बजे ही हो जाएगी। इस समय चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 3,57,309 किलोमीटर रह जाएगी। चंद्रमा की यह स्थिति ‘पेरिगी’ कहलाती है। पूर्णिमा की स्थिति भी शाम 4.44 पर होगी लेकिन इसे देखा नहीं जा सकेगा। इसके दीदार के लिए सूर्यास्त व चंद्रोदय का इंतजार करना होगा। चंद्र उदय का समय शाम को लगभग 5.35 बजे है। सूर्यास्त के साथ ही सुपर मून के अद्भुत नजारे को पूरी रात देखा जा सकेगा लेकिन आकार में बड़ा चंद्रमा उदय के समय क्षितिज के पास ही नजर आएगा। लिहाजा बड़े आकार में चंद्रमा को देखने के लिए शाम होते ही छतों पर पहुंचना होगा ।
बुधवार को दोपहर 2:17:39 से उपछायी चंद्र ग्रहण का आरंभ होगा जो अगले 5 घंटे 2 मिनट तक यानि शाम 7:19:41 बजे तक चलता रहेगा। यह घटना दिन में हो रही है लिहाजा भारत में इसके अंत का कुछ हिस्सा ही देखा जा सकेगा। लखनऊ में मात्र 25 मिनट यह दिखाई देगा। उपछायी चंद्र ग्रहण होने के कारण चंद्रमा के आकार, रंग, रूप में कोई अंतर दिखाई नहीं देगा। नंगी आंखों से इसका पता भी नहीं चल सकेगा। अगला चन्द्र ग्रहण 19 नवंबर को होगा लेकिन यह भी उपछायी होगा लेकिन 8 नवंबर 2022 को होने वाला चन्द्र ग्रहण देश में आंशिक रूप से दिखाई देगा।
इस वर्ष अंतिम सुपर मून होगा
चंद्रमा के पृथ्वी के पास आने और पूर्णिमा पड़ने पर सुपर मून दिखाई देता है। वर्ष में न्यूनतम 12 पूर्णिमा पड़ती हैं। कभी-कभी 13 पूर्णिमा भी दिखाई देती हैं। मगर ऐसा कम ही होता है कि पेरिगी की स्थिति में पूर्णिमा भी पड़े। इस वर्ष में मात्र दो सुपर मून की घटना होनी थी। बीते 27 अप्रैल सुपर मून हो चुका है। लिहाजा इस वर्ष यह अंतिम सुपरमून होगा।
कोरोना के कारण कोई व्यवस्था नहीं
उप छायी चंद्रग्रहण की अद्भुत घटना को टेलीस्कोप से देखने पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। इंदिरागांधी नक्षत्रशाला की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी। ऑन लाइन दिखाने का प्रयास होगा। इसके लिए मंगलवार को देर रात तक कोशिश होती रही। सफलता मिलने पर खगोल प्रेमियों व विद्यार्थियों को लिंक भेजा जाएगा।
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