देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को आंशिक रूप से चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने हालांकि कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में फिलहाल कर्फ्यू 22 जून तक लागू रखने का भी फैसला किया गया है. मंगलवार (15 जून) की सुबह छह बजे कर्फ्यू की अवधि समाप्त हो रही थी.
उनियाल ने बताया कि इस अवधि के दौरान कुछ परिवर्तनों के साथ पुरानी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू रहेगी. उन्होंने बताया कि जिन जिलों में चारधाम स्थित हैं, उन जिलों के निवासियों को निगेटिव आरटीपीसीआर कोविड जांच रिपोर्ट के साथ मंदिरों के दर्शन की अनुमति दे दी गयी है. उन्होंने बताया कि अब निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ चमोली जिले के निवासी बदरीनाथ धाम, रूद्रप्रयाग जिले के निवासी केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के निवासी गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि शादी और अंत्येष्टि में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 20 से बढ़ाकर 50 करने का निर्णय भी किया गया है. हालांकि शादी में शामिल होने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर कोविड जांच रिपोर्ट अनिवार्य है.
उत्तराखंड में मिठाई की दुकानें भी सप्ताह में पांच दिन खुलेंगी
मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, प्रदेश में मिठाई की दुकानें भी सप्ताह में पांच दिन खुलेंगी. उन्होंने बताया कि दुकानदारों की मिठाई खराब होने की परेशानी के चलते सरकार ने यह निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि टेपों और ऑटो के संचालन को भी कर्फ्यू अवधि के दौरान अनुमति दी गयी है. उन्होंने कहा कि राजस्व के लंबित पड़े मामलों को निपटाने के लिए 20 लोगों की सीमित संख्या के साथ राजस्व अदालतों को खोलने का निर्णय भी लिया गया है.
उन्होंने कहा कि कोविड के नए मामलों में गिरावट आने के बावजूद अभी महामारी से जंग जारी है और इसीलिए एक सप्ताह कर्फ्यू बढ़ाने का फैसला सरकार ने किया है. कोविड को हराने का संकल्प व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 22 जून के बाद सरकार संभवत: अनलॉक की प्रक्रिया की तरफ बढ़ेगी. उन्होंने इस सप्ताह को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए जनता खासतौर से व्यापारियों से सरकार का सहयोग करने की अपील की.
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