डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर ने शहर को बहुत पीछे धकेल दिया है। भारत की अर्थव्यवस्था में पिछले चार दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। जबकि जीडीपी में 7.3 की गिरावट देखने को मिली है। वित्तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3% रही। वहीं, सेंटर फॉर इंडियन इकॉनोमी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में एक करोड़ भारतीयों की नौकरी चली गई है। इसके साथ ही 97% परिवारों की इनकम घटी है।
प्राइवेट थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के सीईओ महेश व्यास ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी करते हुए बताया कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश में बेरोजगारी बढ़ी है। अप्रैल में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत थी। जो मई में 12 प्रतिशत रही। महेश व्यास द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में हुए बेरोजगारी 1 करोड़ हुए हैं। जिसमें शहरी बेरोजगारी दर (मई) 14.73%, ग्रामीण बेरोजगारी दर (मई) 10.63% और देशव्यापी बेरोजगारी दर (मई) में 11.90 प्रतिशत रही है।
महेश व्यास ने बताया कि इकोनॉमी खुलनी लगी है। इससे बेरोजगारी की समस्या के कुछ हिस्से का समाधान होगा, लेकिन समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं होगी। जिन लोगों की नौकरी गई है, उन्हें दोबारा रोजगार काफी मुश्किल से मिल रहा है। क्योंकि इन्फॉर्मल सेक्टर तो कुछ हदतक रिकवर कर रहा है, लेकिन जो फॉर्मल सेक्टर है या अच्छी क्वालिटी की नौकरी है, उस क्षेत्र में वापसी में अभी वक्त है। गौरतलब है कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मई में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 23.5% तक पहुंच गई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरी लहर का पीक टाइम निकल गया है। अब राज्य धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों पर लगे प्रतिबंधों को हटाएंगे।
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