नई दिल्ली: भारतीय टीम को इंटरनेशनल लेवल पर रिप्रजेंट करने के बावजूद झारखंड (Jharkhand) की महिला फुटबॉल खिलाड़ी संगीता सोरेन (Sangeeta Soren) को अपना गुजारा करने के लिए ईट-भट्ठे में काम में करना पड़ रहा है. मीडिया में खबर वायरल होने के बाद क्रेंद्रीय खेल मंत्रालय हरकत में आ गया है.
खेल मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि पिछले साल राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनने के बाद कोरोना वायरस महामारी के दौरान परिवार के समर्थन के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने को मजबूर हुई झारखंड की फुटबॉल खिलाड़ी संगीता सोरेन को उनका विभाग जल्द ही आर्थिक मदद मुहैया कराएगा.
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संगीता सोरेन ने अंडर-18 और अंडर-19 टूर्नामेंट्स में क्रमश: भूटान और थाईलैंड में भारतीय टीम को रिप्रजेंट किया है. पिछले साल उन्हें सीनियर महिला टीम के लिए भी चुना गया था. वह धनबाद (Dhanbad) जिले के बांसमुंडी गांव में ईंट भट्ठे पर काम कर रही हैं.
किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने ट्वीट किया, ‘मुझे फुटबॉलर संगीता सोरेन के बारे में सूचित किया गया है, जिन्होंने इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में भारत को रिप्रजेंट किया है और इस महामारी में आर्थिक संकट में हैं. मेरे कार्यालय ने उनसे संपर्क किया है और जल्द ही वित्तीय मदद दी जाएगी. खिलाड़ियों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है.’
I’ve been informed about footballer Sangeeta Soren, who has represented India in international competitions, and is in a financial crisis in this pandemic. My office has contacted her & financial help will be extended soon. Ensuring a dignified life for athletes is our priority. https://t.co/ldT0i7GxuX
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 23, 2021
रीजीजू के कदम के बाद झारखंड सरकार भी इस खिलाड़ी की मदद के लिए आगे आई. सीएम ऑफिस ने एक लाख रुपये की त्वरित सहायता की घोषणा करते हुए कहा कि इस फुटबॉलर को भविष्य में नियमित आय के लिए एक कोच / प्रशिक्षक के रूप में रोजगार दिया जाएगा.
झारखंड सीएम ऑफिस के मुताबिक, ‘संगीता सोरेन की हालत के बारे में कल संज्ञान लिया गया था. आज सुबह बाघमारा के बीडीओ (प्रखंड विकास अधिकारी) ने उनसे मुलाकात की और उन्हें तत्काल वित्तीय सहायता और राशन मुहैया कराया गया.’
संगीता को आयु-वर्ग के टूर्नामेंटों में प्रभावी प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम के लिए चुना गया था लेकिन राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का उनका सपना पूरा होता इससे पहले ही महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लागू हो गया. मुख्यमंत्री कार्यालय कहा, ‘उन्हें अपने खेल को जारी रखने के लिए जल्द ही राज्य खिलाड़ी कल्याण कोष के तहत एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.’
@dc_dhanbad will undertake work for Day Boarding Football Centre in Dhanbad where Sangeeta will be absorbed as a coach/trainer ensuring regular income & motivation to women players. Under leadership of @HemantSorenJM, state Govt is strongly committed to welfare of sportspersons pic.twitter.com/hKqMPElqNX
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) May 23, 2021
उन्होंने बताया, ‘धनबाद के उपायुक्त आवासीय फुटबॉल केन्द्र के कार्य को देखेंगे जहां संगीता को कोच/ प्रशिक्षक के रूप में रखा जाएगा जिससे कि महिला खिलाड़ियों को नियमित आय और प्रेरणा सुनिश्चित हो सके. सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार खिलाडिय़ों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.’
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उनके संघर्षों को देखते हुए झारखंड सरकार को पत्र लिखकर राज्य से इस अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर को मदद और समर्थन देने की मांग की है. एनसीडब्ल्यू के पत्र की एक प्रति अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को भी भेजी गई है.
आर्थिक तंगी के बाद भी संगीता सोरेन ने फुटबॉल के सपने को नहीं छोड़ा है और वह नियमित रूप से पास के मैदान में अभ्यास करती है. संगीता के पिता नेत्रहीन हैं और उनका बड़ा भाई रोजगार पाने के लिए संघर्ष कर रहा है. वह पहले भी एक ईंट भट्ठे में काम कर चुका है.
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