भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में लोगों को शरीर में कोविड-19 के हल्के लक्षणों से लेकर गंभीर लक्षण तक नजर आ रहे हैं. अगर आपको कोविड के हल्के लक्षण दिख रहे हैं तो ऐसे लोग घर पर आइसोलेशन में रहकर भी ठीक हो रहे हैं. जबकि गंभीर मरीजों को हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है. कई लोगों को कोरोना के हल्के लक्षण दिख रहे हैं और टेस्ट रिपोर्ट भी नेगेटिव आ रही है. एक रिपोर्ट में भी ये कहा गया है कि कुछ लोगों को कोरोना के लक्षण होने के बावजूद भी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है.
आपको बता दें आरटी-पीसीआर टेस्ट सबसे भरोसेमंद टेस्ट है. ये टेस्ट वायरस का पता लगाने में काफी प्रभावी हैं, लेकिन फिर भी इसे 100 प्रतिशत सटीक नहीं माना जा सकता. दरअसल रिपोर्ट कई बातों पर निर्भर करती है. अगर आप कोविड-19 पॉजिटिव है और दूसरी बार टेस्ट कराने पर आपकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है लेकिन फिर भी आपको कोरोना के लक्षण है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है. अगर आपके शरीर में कोरोना के लक्षण हैं और रिपोर्ट निगेटिव है तो आपको सबसे पहले अपने आपको आइसोलेट करने की जरूरत है.
इन लक्षणों को मॉनिटर करें
1. सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति का वापस नहीं आना.
2. गले की खराश और खांसी होना.
3. बुखार आना.
4. गले की सर्दी का लगातार बने रहना.
5. थकान महसूस होना.
लक्षण होने पर भी रिपोर्ट निगेटिव क्यों आती हैं?
ऐसे कई लोग हैं जिन्हें कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन आरटी-पीसीआर टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट आती है. रिसर्च में कहा गया है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट में कोविड-19 के सही नतीजे आते हैं लेकिन कभी-कभी रिपोर्ट निगेटिव भी आ सकती है, जो वास्तव में खतरनाक हो सकती है. दरअसल कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद संक्रमित व्यक्ति दूसरे लोगों के संपर्क में आता है और वायरस को तेजी से फैलाता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है-
1- नाक या गले से सैंपल लेते वक्त सैंपल लेने का तरीका गलत हो सकता है.
2- इसके अलावा वायरस को सक्रिय रखने के लिए जरूरी तरल की मात्रा की वजह से भी निगेटिव रिपोर्ट आ सकती है.
3- इसके अलावा शरीर में कई बार वायरल लोड बहुत कम होता है, जिसकी वजह से निगेटिव रिपोर्ट आ जाती है.
कोरोना के लक्षण होने और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ये सावधानियां बरतें
1- घर के बाकी सदस्यों से खुद को दूर रखें. लक्षण खत्म होने तक खुद को आइसोलेट रखें.
2- ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन और थर्मामीटर से लगातार बुखार चेक करते रहें.
3- नियमित रूप से भाप लें और गरारे करें.
4- फिर से टेस्ट कराना चाहते हैं तो डॉक्टर सलाह देते हैं कि पहले टेस्ट के 3-4 दिनों बाद दोबारा टेस्ट करें.
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