दुनियाभर में अधिकतर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरुआती चरण में वयस्कों पर ही किया गया. हालांकि, बच्चों पर भी कोविड-19 वैक्सीन का लगातार ट्रायल किया जा रहा है. ऐसे में जब धीरे-धीरे स्कूल खुलने लगे हैं, दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने बच्चों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. फाइजर बुधवार को कहा कि उनकी वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों के बीच वैक्सीन 100 फीसदी सुरक्षित और प्रभावी है.
अभी दुनियाभर में अधिकतर जो वैक्सीन आई है वो वयस्कों के लिए हैं, जो कोरोना से सबसे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे हैं. फाइजर की वैक्सीन को 16 साल तक के बच्चों के लिए मंजूरी दी जा चुकी है. ऐसे में कई महीनों की रूकावट के बाद फिर से स्कूलों को पूरी तरह से खोलने और कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए सभी आयु-वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाना महत्वपूर्ण है.
फाइजर के मुताबिक, अमेरिका में 12 वर्ष से लेकर 15 साल तक के वालेंटियर्स के बीच किए गए अध्ययन के शुरुआती आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि पूरी तरह से जिन्हें कोरोना की वैक्सीन दी गई, उनके बीच कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है.
हालांकि, यह छोटी स्टडी है और इसे अभी प्रकाशित नहीं किया गया है. इसलिए महत्वपूर्ण चीज ये हैं कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कैसे टीके के बाद बढ़ रही है. कंपनी ने कहा कि बच्चों में भी वयस्कों की तरह से इसके साइड इफैक्ट्स हैं, जैसे- दर्द, बुखार, खासकर वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद. स्टडी में प्रतिभागियों पर दो साल तक नजर रखी जाएगी ताकि लंबे समय तक सुरक्षा को लेकर जानकारी मिल पाए.
फाइजर और उसके जर्मनी के पार्टनर बायोएनटेक की आगामी हफ्तों में यह योजना है कि वे यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और यूरोपीय रेगुलेटर्स से 12 साल तक के बच्चों को वैक्सीन की टीका लगाने की आपात मंजूरी को लेकर आवेदन दे. फाइजर के सीईओ एल्बर्ट बौर्ला ने एक बयान में कहा- वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को फौरन बढ़ाने के लिए हमने साझा कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि अमेरिका में अगले साल स्कूल शुरू होने से पहले इस आयुवर्ग के सभी बच्चों को वैक्सीन लग जाए.
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