पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है. भारत में कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही है. ऐसे में जो लोग कोरोना से रिकवर हो रहे हैं उन्हें योग करने की सलाह दी जा रही है. कोविड-19 से रिकवरी में योग काफी फायदेमंद है. हम आपको कुछ ऐसे योगासन और प्राणायाम बता रहे हैं, जो आपको कोरोना से जल्दी रिकवर होने में मदद कर रहे हैं. योग से न केवल रिकवरी हो रही है बल्कि मानसिक शांति भी मिल रही है. ऐसे में कोविड के मरीज को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को फिट रखने के लिए योग जरूर करना चाहिए. जानते हैं योग से कोरोना के मरीजों को क्या फायदे हो रहे हैं.
कोरोना मरीजों को योग से होते हैं ये फायदे
कोरोना के मरीजों की जल्द रिकवरी के लिए योगासन और प्राणायाम करना चाहिए. डॉक्टर्स भी प्राणायाम करने की सलाह दे रहे हैं इससे फेफड़े बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं. योग करने से छाती वाला हिस्सा खुलता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है. योग से पाचन क्रिया भी तेज होती है. योग से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो अच्छा होता है.
कोरोना के मरीजों के लिए प्राणायाम
प्रोनिंग- सांसों को ठीक रखने के लिए प्रोनिंग एक वैज्ञानिक तरीका है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी का ऑक्सीजन लेवल घट रहा है तो ड़बड़ाहट में अस्पताल न भागें. घर पर पेट के बल लेटकर गहरी लंबी सांस ले आपको प्रोनिंग पोजीशन में लेटना है. इससे फेफड़े सुचारू रूप से काम करने लगते हैं. थोड़ी-थोड़ी देर बाद आपको पेट के बल जरूर लेटना चाहिए.
अनुलोम विलोम- शरीर में ऑक्सीजन लेवल सुधारने के लिए हमें अनुलोम विलोम करना चाहिए. अनुलोम विलोम में नाक के एक नथुने को दबाकर दूसरे नथुने से सांस छोड़ते हैं फिर जिससे सांस छोड़ी है उसी से वापस सांस लेनी है. इस तरह दोनों तरफ से यह क्रिया करते हैं. अनुलोम विलोम से टेंशन भी दूर होती है.
कपालभाति- आपको हल्की-हल्की तरह से कपालभाति प्राणायाम भी करना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले लंबी गहरी सांस अंदर लें. अब धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ते जाएं. हालांकि कोरोना के मरीजों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सांस छोड़ते वक्त उन्हें किसी तरह का दबाव महसूस न हो.
साई- इस प्राणाायम में आपको पहले नाक के अंदर सांस भरनी है फिर ज्यादा से ज्यादा सांस को अंदर लेने के बाद सांस छोड़ते समय एक पाउट बनाना है. आपको होंठों को सिकोड़कर एक चोंच जैसी बनानी है. फिर थोड़ी सी ‘हा’ की आवाज के साथ सांस को बाहर छोड़ना है. इससे हमारी टेंशन दूर होती है. इसे एक बार में 35 से 40 बार करना चाहिए. आप दिन में 5 से 6 बार इस योग को कर सकते हैं.
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