
कोविड-19 वैक्सीन की सीमित आपूर्ति टीकाकरण के धीमा होने की वजह है. उसके चलते देश भर में बहुत सारे लोग अपना स्लॉट बुक करा नहीं पा रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक 17.7 करोड़ से ज्यादा लोगों को या तो कोविशील्ड या कोवैक्सीन का डोज लगाया जा चुका है, उनमें से 3.9 करोड़ लोग दूसरा डोज इस्तेमाल कर चुके हैं. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के शुरुआती अनुमति के मुताबिक कोविशील्ड का दूसरा डोज पहले डोज के 4-6 सप्ताह बाद लगाया था, और कोवैक्सीन का दूसरा डोज पहले डोज के 28 दिनों बाद. कोविशील्ड के लिए अंतराल बाद में बढ़ाकर 4-8 सप्ताह और कोवैक्सीन के लिए 4-6 सप्ताह कर दिया गया. अप्रैल में केंद्र सरकार ने सलाह दी कि कोविशील्ड का दूसरा डोज पहले डोज के 6-8 बाद लिया जा सकता है.
बिल्कुल टीकाकरण नहीं हुआ है, और संक्रमित होकर ठीक हो जाते हैं, तब कब आपको वैक्सीन कब लगवानी चाहिए?
सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का सुझाव है कि अगर आपको वैक्सीन नहीं लगाई गई है, तब कोरोना पॉजिटिव होने के दिन से 90 दिनों का इंतजार करना चाहिए. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रतिरक्षा वैज्ञानिक डॉक्टर विनीता बल का कहना है कि संक्रमण से हासिल होनेवाली इम्यूनिटी के कुछ महीनों तक रहने की संभावना होती है, और ठीक होने के बाद 6-8 सप्ताह इंतजार करना उचित होगा. अग्रणी वैक्सीन वैज्ञानिक डॉक्टर गगनदीप कंग ब्रिटेन के डेटा के हवाले से बताती हैं कि कोरोना वायरस से प्राकृतिक संक्रमण के बाद सुरक्षा 80 फीसद होती है. उनका कहना है कि छह महीना इंतजार करना भी ठीक है. ये विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश के अनुरूप है जिसने डेटा का मूल्यांकन किया और बताया कि प्राकृतिक संक्रमण के बाद छह महीने के लिए टीकाकरण को स्थगित करना ठीक है, क्योंकि प्राकृतिक एंटीबॉडीज के शरीर में तब तक रहने की संभावना होती है.
पहले डोज के बाद अगर आप संक्रमित हो जाते हैं, तब ये दूसरे डोज के लिए आपके शेड्यूल को कैसे प्रभावित करता है?
NIMHANS के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉक्टर वी रवि के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण से पॉजिटिव पाए जाने के 8 सप्ताह बाद शख्स को दूसरा डोज लगाया जा सकता है. संक्रमण के बाद शरीर एंटीबॉडीज पैदा करना शुरू कर देता है और ये वैक्सीन हासिल करने के समान है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि दूसरा डोज लेने से पहले कम से कम 8 सप्ताह इंतजार करना उचित है. इसलिए कि अगर दो डोज के बीच संक्रमण होता है, तो कई लोगों को बीमारी का हल्का या मध्यम लक्षण हो सकता है. ये इस बात पर निर्भर होगा कि संक्रमण कब होता है. अगर संक्रमण पहला डोज लेने के एक से तीन सप्ताह के अंदर होता है, तो वैक्सीन का प्रभावा होने की संभावना नहीं होगी.
संक्रमण का कोर्स जारी रहेगा लेकिन ज्यादा संभावना है कि शख्स को बीमारी के मध्यम लक्षण से सामना हो अगर वो वैक्सीन का पहला शॉट लेने के तीन सप्ताह बाद कोरोना पॉजिटिव होता है. हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी प्राकृतिक संक्रमण और वैक्सीन से मिलनेवाली इम्यूनिटी के बारे में रिसर्च कर रहे हैं. सीडीसी के मुताबिक, शरीर को आम तौर पर टीकाकरण के बाद सुरक्षा बनाने के लिए दो सप्ताह लगता है, और इस दौरान संक्रमित होने की संभावना रहती है.
पहले डोज के तौर पर कोवैक्सीन इस्तेमाल किया है लेकिन दूसरे के लिए उपलब्ध नहीं है, तो क्या कोविशील्ड ले सकते हैं?
डॉक्टर बल के मुताबिक, सभी वैक्सीन निर्माण के प्रयास स्वतंत्र रूप से किए गए थे, इस सिलसिले में बयान देने के लिए डेटा उपलब्ध नहीं है कि क्या दो अलग-अलग वैक्सीन दो डोज के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं. वास्तव में समन्वय की समस्या ज्यादा वैक्सीन के उपलब्ध होने के साथ और खराब होंगी. उनका कहना है कि अनिवार्य रूप से ये एक प्रशासनिक समस्या है ना कि वैज्ञानिक या एकेडमिक. सीडीसी के मुताबिक कोविड-19 की वैक्सीन बदलाव योग्य नहीं हैं.
Corona virus: कोरोना से बचने में कितनी बार गरारा करना चाहिए. जानें फायदे और नुकसान
स्वस्थ रहने के लिए दिनभर में 5 ग्राम नमक का सेवन करें, WHO की नई गाइडलाइन
Source link