Delhi Riots: तिहाड़ जेल से बाहर आए एक्टिविस्ट नताशा, कलिता और इकबाल; हाईकोर्ट ने दो दिन पहले दी थी जमानत

0
10
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2020 दिल्ली दंगा मामले में जमानत दिए जाने के दो दिन बाद, पिंजरा तोड़ एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के एक्टिविस्ट आसिफ इकबाल तन्हा को भी जेल से रिहा कर दिया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत आदेश के बावजूद ये लोग जेल में थे। इसके बाद दिल्ली कोर्ट ने आज इन लोगों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।

दिल्ली जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कलिता और नरवाल शाम करीब सात बजे और तन्हा शाम करीब साढ़े सात बजे जेल से बाहर आए। रिहा होने के बाद तन्हा ने कहा, उम्मीद थी कि एक दिन मैं रिहा हो जाऊंगी। सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। वहीं जमानत को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

हाईकोर्ट से 15 जून को जमानत मिलने के बाद बुधवार को निचली कोर्ट के एडिशनल सेशन्स जज रविंदर बेदी ने एक्टिविस्टों की रिहाई पर आदेश को टाल दिया था। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों और उनके जमानतदारों के पते के सत्यापन के लिए समय मांगा था जिस वजह से रिहाई का आदेश टाला गया था। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि चूंकि आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल और देवनागा कलिता झारखंड, असम और रोहतक के स्थायी निवासी हैं, इसलिए जांच एजेंसी को उक्त सत्यापन दाखिल करने में समय लगेगा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि जमानत के सत्यापन के लिए केवल फोन नंबर पर्याप्त नहीं है और फिजिकल सत्यापन की आवश्यकता है।

निचली अदालत में रिहाई टालने के फैसले को चुनौती देते हुए गुरुवार को एक्टिविस्टों के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आवेदन में कहा गया कि ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई हाईकोर्ट के जमानत आदेश की भावना के खिलाफ है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की बेंच ने निचली अदालत को  तेजी से कार्यवाही करने को कहा।

निचली अदालत (कड़कड़डूमा) के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंदर बेदी ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आवेदनों को खारिज कर दिया, जिसमें एक्टिविस्टों के पते और उनके जमानतदारों की जांच के लिए और समय की मांग की गई थी। कोर्ट ने आरोपियों को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया । वहीं कोर्ट ने ये भी कहा, चूंकि आरोपी के स्थायी पते की जांच के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। इस संबंध में रिपोर्ट जांच अधिकारी द्वारा संबंधित अदालत के समक्ष 23.06.2021 को दोपहर 2:30 बजे या उससे पहले दायर की जाए।

Source link

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here