पूरा देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। बड़ी संख्या में लोगों की जान भी इस बिमारी की वजह से जा रही है। ऐसे परिवारों पर संकट अचानक बढ़ गया है। पीएफ अकाउंट होल्डर को 7 लाख रूपये तक का फ्री इंश्योरेंस मिलता है। ऐसे में अगर किसी प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्य 7 लाख रूपये का डेथ क्लेम कर सकते हैं। कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले कर्मचारी के परिवार के सदस्य या नाॅमिनी भी इस इंश्योरेंस के तहत डेथ क्लेम कर सकता है।
इन्हें मिलता है फायदा
सीबीटी ने अधिकतम बीमा राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने के लिए सितंबर 2020 में ईडीएलआई, 1976 के पैराग्राफ 22 (3) में संशोधन को मंजूरी दी थी। इस संशोधन का मकसद योजना से जुड़े उन सदस्यों के परिवार और आश्रितों को राहत प्रदान करना है, जिनका सेवा में रहते दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो जाता है। सीबीटी की मार्च 2020 में हुई बैठक में ईपीएफओ न्यासियों ने न्यूनतम 2.5 लाख रुपये का निश्चित लाभ उस मृतक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को देने की सिफारिश की, जिनका निधन सेवा के दौरान हो जाता है। अगर किसी कर्मचारी की डेथ कोरोना की वजह से हुई है तो वह भी इसके लिए क्लेम कर सकता है।
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EDLI के तहत यह पैसा पीएफ अकाउंट होल्डर के नाॅमिनी को मिलता है। लेकिन अगर अकाउंट होल्डर ने किसी को अपना नाॅमिनी नहीं बनाया है तो कर्मचारी की पत्नी, बच्चे भी पैसे के लिए क्लेम कर सकते हैं।
कैसे होगा कैलकुलेशन
EDLI की नई अपडेट के अनुसार आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी का 35 गुना + बोनस कर्मचारी के परिवार या नाॅमिनी को दिया जाता है। मान लीजिए किसी की सैलरी 15,000 रुपये है तो इसका 35 गुना होगा 5,25,000 रुपये और इसमें अगर 1,75,000 और जोड़ दें तो यह 7 लाख रुपये हो जाएगा। पहले इस स्कीम के जरिए सिर्फ 6 लाख रुपये ही मिलता था। इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि कर्मचारी के पीएफ काॅन्ट्रीब्यूशन शुरू करते ही वह इसका पात्र बन जाता है। इसके लिए कोई अतिरिक्त फाॅर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ती।
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