बैंकों से भारी-भरकम कर्ज लेकर जानबूझ कर न चुकाने वाले यानी विलफुल डिफॉल्टर की संख्या बढ़ती जा रही है. इस वजह से बैंकों का घाटा भी बेतहाशा बढ़ रहा है. मार्च,2020 तक बैंकों को ऐसे विलफुल डिफॉल्टर के 62 हजार करोड़ रुपये बट्टे खाते में डालना पड़ा
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