Petrol Diesel Price: क्या दिल्ली में 35 रुपये में मिल सकता है पेट्रोल? टैक्स की कीमतों तले आम जनता पर पड़ रहा भारी बोझ

2
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp


नई दिल्ली: देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. आज एक बार फिर से इनमें बढ़ोतरी देखी गई है. वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी का सिलसिला जारी है. ब्रेंट क्रूड का भाव 59 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर चला गया है. वहीं मुंबई में पेट्रोल का भाव 93 रुपये के पार हो चुका है. वहीं अगर गौर किया जाए तो डीजल-पेट्रोल के दामों में 50 रुपये से ज्यादा का तो सिर्फ टैक्स ही लग रहा है.

देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 2 दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में 65 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई है. वहीं पेट्रोल का भाव आज दिल्ली में 30 पैसे, कोलकाता में 29 पैसे, मुंबई में 29 पैसे और चेन्नई में 26 पैसे प्रति लीटर बढ़ा है. वहीं डीजल के दाम में दिल्ली में 30 पैसे, कोलकाता में 30 पैसे, मुंबई में 32 पैसे और चेन्नई में 29 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है.

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव बढ़कर क्रमश: 86.95 रुपये, 88.30 रुपये, 93.49 रुपये और 89.39 रुपये प्रति लीटर हो गया है. डीजल की कीमतें भी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में बढ़कर क्रमश: 77.13 रुपये, 80.71 रुपये, 83.99 रुपये और 82.33 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

हालांकि पेट्रोल-ईंधन के दामों में इजाफे के बाद आम जनता पर जहां बोझ बढ़ता ही जा रहा है तो वहीं सरकार और तेल कंपनियां इससे खूब मुनाफा कमा रही हैं. ईंधन के दामों में केंद्र और राज्य सरकार दोनों का हिस्सा होता है. वहीं पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को देखते हुए पेट्रोलियम विपणन कंपनियों का कहना है कि सरकार करों में कटौती के जरिए उपभोक्ताओं के बोझ को कम कर सकती है.

देश की तीसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम विपणन कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के प्रमुख मुकेश कुमार सुराना ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम अचानक बढ़कर 59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं. मांग और आपूर्ति में अंतर की अवधारणा के अलावा सऊदी अरब के जरिए उत्पादन में कटौती की वजह से कीमतों में तेजी आई है.

कितना होता है कर?

बता दें कि पेट्रोल-डीजल के दामों में डीलर कमीशन और सरकार के जरिए वसूला गया टैक्स भी जुड़ा हुआ रहता है. जिसके कारण ईंधन आम जनता को महंगा पड़ता है. ईंधन के खुदरा दाम उत्पादन की बेंचमार्क लागत के ऊपर केंद्र और राज्यों के कर के अलावा डीलर का कमीशन जोड़कर निकाले जाते हैं. पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल के खुदरा दाम का सिर्फ 25 से 30 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क लागत पर निर्भर करता है. इसके अलावा बाकि केंद्र और राज्यों का कर होता है. वहीं बेंचमार्क लागत में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर पड़ता है.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा गया कि दिल्ली में पेट्रोल के दाम में केंद्र सरकार के उत्पाद शुल्क का हिस्सा 32.98 रुपये है. वहीं इसमें राज्य सरकार के बिक्री कर या मूल्य वर्धित कर (वैट) का हिस्सा 19.55 रुपये है. ऐसे में दिल्ली में पेट्रोल का दाम करीब 87 रुपये पहुंच चुका है और आम जनता करीब 52-53 रुपये टैक्स के रूप में ही दे रही है. वहीं अगर दिल्ली में मौजूदा पेट्रोल की कीमत 87 रुपये से करीब 52 रुपये टैक्स के हटा दिए जाएं तो आम लोगों को पेट्रोल सिर्फ 35 रुपये में ही मिल सकता है.

हालांकि सरकार की इस टैक्स से मोटी आमदनी होती है. ऐसे में ये टैक्स पूरी तरह से खत्म होना किसी सपने के जैसा ही है लेकिन इस टैक्स में कमी लाकर जरूर थोड़ी राहत दी जा सकती है. वहीं अगर सरकार की ओर से इस टैक्स में कुछ छूट मिले तो लोगों को भी ईंधन के दामों में कमी देखने को मिलेगी. टैक्स के अलावा रिफाइनरी मार्जिन और लॉजिस्टिक का खर्च भी ईंधन के दाम में जुड़ता है जो कि करीब 4 रुपये है. इसके बाद इसमें पेट्रोल पंप डीलर का कमीशन भी जोड़ा जाता है जो कि करीब 3.50 रुपये से 4 रुपये है.

यह भी पढ़ें:

Petrol-Diesel Price: हफ्ते भर की राहत के बाद एक बार फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें अपने शहर का रेट

Petrol-Diesel Price: लगातार दूसरे दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें आपके शहर में क्या है रेट



Source link

  • TAGS
  • diesel price
  • Diesel Price today
  • Petrol Diesel price
  • petrol price
  • Petrol Price Today
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp
Previous articleIND VS ENG: एक ही मैच में Joe Root ने दो बार जड़ा ‘सैकड़ा’, भारतीय गेंदबाजो को किया पस्त
Team Hindi News Latest