साल भर पहले लॉकडाउन के दौरान 1 करोड़ से भी ज़्यादा मजदूर-कारीगर शहरों से अपने घरों की ओर पलायन कर गए थे और अब अर्थव्यवस्था में अहम रोल निभाने वाले MSME सेक्टर यानि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को संभलने के लिए कुशल और हुनरबंद कारीगरों की ज़रूरत है.
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