देश में लगातार पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें लोगों को परेशान कर रही है। हालांकि मार्च में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर जरूर रही है लेकिन इनके भविष्य में बढ़ने की उम्मीद है। काफी लम्बे समय से पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की जा रही थी। अब इस पूरे मसले पर वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि वह अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा करने को तैयार हैं।
FM says ready to discuss bringing petrol and diesel under GST in next GST Council meet
— Press Trust of India (@PTI_News) March 23, 2021
इससे पहले पिछले सप्ताह में बोलते हुए वित्तमंत्री ने कहा था कि जीएसटी के तहत कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन (एटीएफ) और प्राकृतिक गैस लाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
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इसलिए उठ रही है मांग
1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किया गया था। उस समय राज्यों की उच्च निर्भरता के कारण पेट्रोल और डीजल को इससे बाहर रखा गया था। जीएसटी में पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल किया जाता है, तो देश भर में ईंधन की एक समान कीमत होगी। 2021 में अब तक पेट्रोल 7.22 रुपये और डीजल 7.45 रुपये महंगा हो चुका है। मार्च में रेट नहीं बढ़े हैं।
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पेट्रोल-डीजल के रेट पर ये होगा असर
- जीएसटी की उच्च दर पर भी पेट्रोल-डीजल को रखा जाए तो मौजूदा कीमतें घटकर आधी रह सकती हैं।
- यदि जीएसटी परिषद ने कम स्लैब का विकल्प चुना, तो कीमतों में कमी आ सकती है।
- भारत में चार प्राथमिक जीएसटी दर हैं – 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद
- अगर पेट्रोल को 5 फीसद जीएसटी वाले स्लैब में रखा जाए तो यह पूरे देश में 37.57 रुपये लीटर हो जाएगा और डीजल का रेट घटकर 38.03 रुपये रह जाएगा।
- अगर 12 फीसद स्लैब में ईंधन को रखा गया तो पेट्रोल की कीमत होगी 40 फीसद और डीजल मिलेगा 40.56 रुपये।
- अगर 18 फीसद जीएसटी वाले स्लैब में पेट्रोल आया तो कीमत होगी 42.22 रुपये और डीजल होगा 42.73 रुपये।
- वहीं अगर 28 फीसद वाले स्लैब में ईंधन को रखा गया तो पेट्रोल 45.79 रुपये रह जाएगा और डीजल होगा 46.36 रुपये।
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