Ganga Saptami 2021: हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग लोक से चलकर भगवान शिव के जटाओं में अवतरित हुई. शिव की जटा में अवतरित होने के कारण इस दिन को गंगा की उत्पत्ति मानी जाती है. हिंदू धर्म में इस तिथि को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी भी कहा जाता हैं. धार्मिक रूप से इस तिथि का बहुत ही महत्त्व है.
इस दिन गंगा स्नान के बाद मां गंगा की विधि विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को सभी पापों और आर्थिक संकट से मुक्ति मिल जाती है. आइये जानें गंगा जयंती पर्व से जुड़ी ख़ास बातें.
शुभ मुहूर्त:
- गंगा सप्तमी तिथि का प्रारंभ: 18 मई 2021 को दोपहर 12:32 बजे से
- गंगा सप्तमी तिथि का समापन : 19 मई 2021 को दोपहर 12:50 बजे तक
गंगा उत्त्पति की पौराणिक कथा
गंगा उत्पत्ति की कथाओं में से अनेक कथाएं प्रचलित है. हिंदू धर्म ग्रंथों में वर्णित है कि एक बार गंगा जी तीव्र गति से बह रही थी. रास्ते में ऋषि जह्नु भगवान के ध्यान में लीन होकर तप कर रहे थे. उनका कमंडल और अन्य सामान भी वहीं रखा था. जिसे गंगा जी ने अपने प्रवाह में बहा ले गई. जब ऋषि जह्नु की आँखें खुली तो अपना सामान न देखकर वे बहुत क्रोधित हुए. इस क्रोध में ऋषि ने गंगा जी को पी गए.
बाद में भागीरथ ने ऋषि से गंगा जी को मुक्त करने का आग्रह किया. ऋषि ने भागीरथ का आग्रह स्वीकार करते हुए गंगा जी को अपने कान से मुक्त किया. जिस दिन यह घटना घटी उस दिन वैशाख मास के शुल्क पक्ष की सप्तमी तिथि थी.
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