होली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। इस साल होलिका दहन 28 मार्च (रविवार) को किया जाएगा। इसके अगले दिन यानी 29 मार्च को रंगपंचमी या रंगों वाली होली मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भद्राकाल में शुभ कार्य आरंभ या समाप्त नहीं किया जाता है। होली पर भी होलिका दहन शुभ मुहूर्त में किया जाता है। मान्यता है कि होली की पूजा करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
भद्राकाल में क्यों नहीं किया जाता है होलिका दहन-
माना जाता है कि शुभ कार्य भद्राकाल में नहीं करने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को अशुभ अवधि माना गया है। पुराणों के अनुसार, भद्रा को सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन बताया गया है। भद्रा का स्वभाव भी शनिदेव की तरह बताया गया है। पंचांग की गणना में कुछ कार्यों के लिए भद्रा को शुभ नहीं माना गया है।
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होलिका दहन के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक।
अमृत काल – सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 38 मिनट तक।
सर्वार्थसिद्धि योग -सुबह 06 बजकर 26 मिनट से शाम 05 बजकर 36 मिनट तक। इसके बाद शाम 05 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 06 बजकर 25 मिनट तक।
अमृतसिद्धि योग – सुबह 05 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 06 बजकर 25 मिनट तक।
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होलिका दहन के दिन बन रहे ये अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल – 5:06 PM – 6:37 PM
यम गण्ड – 12:32 PM – 2:03 PM
कुलिक – 3:34 PM – 5:06 PM
दुर्मुहूर्त – 04:59 PM – 05:48 PM
वर्ज्यम् – 01:06 AM – 02:32 AM
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार, 28 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इसके अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाएगी।
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