माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 09 फरवरी 2021 (मंगलवार) को प्रदोष व्रत है। इस दिन मंगलवार होने के कारण भौष प्रदोष व्रत का शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही रात में शनि भी मकर राशि में उदय हो रहे हैं। इसलिए शनि और मंगल ग्रह के कारण प्रदोष व्रत का महत्व और बढ़ गया है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव भक्त की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। इसके साथ ही सुख-समृद्धि और वैवाहिक कार्यों की बाधाएं दूर होती हैं।
भौम प्रदोष व्रत तिथि व शुभ मुहूर्त-
भौम प्रदोष व्रत तिथि- 9 फरवरी 2021
माघ मास कृष्ण त्रयोदशी आरंभ- 9 फरवरी 2021 दिन मंगलवार प्रात: 03 बजकर 19 मिनट से।
कृष्ण त्रयोदशी समाप्त- 10 फरवरी 2021 बुधवार प्रात: 02 बजकर 05 मिनट पर।
पूजा का शुभ मुहूर्त ( प्रदोष काल)- 9 फरवरी 2021 को शाम 06 बजकर 03 मिनट से आरंभ होकर रात 08 बजकर 40 मिनट तक।
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भौष प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय-
1. मंगल दोष को समाप्त करने के लिए भौष प्रदोष व्रत के दिन हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घोलकर चोला चढ़ाना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए और हलवा-पूरी का भोग लगाना चाहिए।
2. भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को लाल मसूर की दाल अर्पित करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
3. भौम प्रदोष व्रत के दिन उड़द से बनी मिठाई, लड्डू आदि हनुमान जी को अर्पित करने से शनि ग्रह का अशुभ प्रभाव कम होता है।
4. मंगल की शुभता और भाग्योदय के लिए लाल मूंगे से बने गणेशजी का पेंडेंट धारण करना चाहिए।
5. भौष प्रदोष व्रत के दिन हनुमान मंदिर में तिकोनी ध्वजा अर्पित करने से शत्रु का नाश होता है। संकटों से मुक्ति मिलती है।
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प्रदोष व्रत के नियम-
1. प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को त्रयोदशी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए।
2. नहाकर भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।
3. इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है।
4. गुस्सा या विवाद से बचकर रहना चाहिए।
5. प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
6. इस दिन सूर्यास्त से एक घंटा पहले नहाकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
7. प्रदोष व्रत की पूजा में कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए।
(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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