प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली इकोनाॅमिक अफेयर की कैबिनेट कमिटी ने IDBI Bank के डिसइन्वेस्टमेंट की मंजूरी दे दी है। साथ ही बैंक के मैनेंजमेंट कंट्रोल को भी ट्रांसफर करने का फैसला हुआ है। फरवरी में बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आईडीबीआई बैंक के डिसइन्वेस्टमेंट की बात कही थी।
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इससे पहले एलआईसी बोर्ड ने मैनेंजमेंट कंट्रोल के ट्रांसफर को अप्रूव कर दिया था। आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार का 45.48 प्रतिशत शेयर है, जबकि एलआईसी का 49.24%प्रतिशत शेयर है। वर्तमान समय में आईडीबीआई बैंक का मैनेजमेंट कंट्रोल एलआईसी के पास है। वहीं भारत सरकार प्रोमोटर की भूमिका में है।
इस डिसइन्वेस्टमेंट के जरिए उम्मीद की जा रही है कि बैंक के पास नए फंड, टेक्नोलॉजी और मैनेंजमेंट आएगा, जिससे आईडीबीआई बैंक की ग्रोथ में भी तेजी आएगी। साथ बिना सरकार और एलआईसी की मदद के भी बैंक और बिजनेस जरनेट कर सकेगा। सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस डिसइन्वेस्टमेंट के जरिए अर्जित की गई राशि को लोगों के विकास में खर्च किया जाएगा।
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इन सबके बीच मार्च क्वार्टर में बैंक ने 512 करोड़ का मुनाफा कमाया। एक बार पहले इस क्वार्टर में बैंक ने 135 करोड़ रूपये कमाए थे। एक साल बाद बैंक की आय में 38 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई। साथ ही बैंक ने 5 साल बाद बैंक ने किसी वित्तीय वर्ष में भी मुनाफा कमाया। 2020-21 में बैंक ने 1,359 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया था।
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