म्यांमार में सैन्य तख्तापलट ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था और अब न्यूजीलैंड ने मंगलवार को म्यांमार के साथ उच्च स्तरीय सैन्य और राजनीतिक संपर्कों को निलंबित करने की घोषणा कर दी है. इस देश के तख्तापलट के बाद सत्तारूढ़ जून्टा पार्टी को अलग करने का ये पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय कदम है.
प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार में होने वाली घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए उपायों के अनावरण करने का आग्रह किया. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि म्यांमार में लोकतंत्र के निर्माण के वर्षों के बाद मुझे लगता है कि हाल के दिनों में हमने जो कुछ देखा है उसे देखने के लिए न्यूजीलैंड का हर नागरिक मजबूर हो गया है. प्रधानमंत्री अर्डर्न ने आगे कहा कि हमारा मजबूत संदेश है कि हम जो कर सकते थे, हमने वो किया.
म्यांमार की सेना ने पिछले सप्ताह नागरिक नेता आंग सान सू की और उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के दर्जनों अन्य सदस्यों को दस साल के नागरिक शासन को समाप्त कर दिया है. न्यूजीलैंड चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद म्यांमार के विकास पर चर्चा करने के लिए एक विशेष सत्र आयोजित करे.
अर्डर्न ने बताया कि जून्टा ने पिछले हफ्ते ही एक साल की आपातकाल की घोषणा की थी. जिसके बाद उन्होने सटीक समयसीमा पेश किए बिना ही नए सिरे से चुनाव कराने का ऐलान कर दिया. ऐसा करने से उन्होंने 50 साल के सैन्य शासन के बाद लोकतंत्र के साथ म्यांमार के 10 साल के प्रयोग को समाप्त कर दिया.
बता दें कि वहां के जनरल ने नवंबर के चुनावों में धोखाधड़ी का दावा करके तख्तापलट को सही ठहराया है जिसे एनएलडी ने विस्फोटक तरीके से जीत लिया था.
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री ननिया महुता ने धोखाधड़ी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हम सैन्य नेतृत्व वाली सरकार की वैधता को मान्यता नहीं देते हैं और हम सेना से आग्रह करते हैं कि हिरासत में लिए गए सभी राजनैतिक नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए.
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